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मेडिकोलीगल जांच में उत्कृष्टता: मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज में पुलिस अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:जमशेदपुर स्थित मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज (एमटीएमसी) के फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी विभाग ने पुलिस अधिकारियों के लिए “मेडिकोलीगल ऑटोप्सी और आग्नेयास्त्र चोटों” पर एक दिवसीय व्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। इस अग्रणी पहल का उद्देश्य फॉरेंसिक जांच के विभिन्न पहलुओं में पुलिस अधिकारियों के कौशल को सुदृढ़ करना और आपराधिक मामलों में जांच की गुणवत्ता को बेहतर बनाना था।

कार्यशाला का उद्देश्य और प्रमुख आकर्षण:

इस विशेष कार्यशाला में 30 पुलिस अधिकारियों को मेडिकोलीगल ऑटोप्सी, आग्नेयास्त्र चोटों की व्याख्या, श्वासावरोध के मामलों की जांच और अपराध स्थल के विश्लेषण का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। अधिकारियों को चार कृत्रिम अपराध दृश्यों के माध्यम से हाथों-हाथ सीखने का अवसर प्रदान किया गया, जिसे अत्याधुनिक कौशल प्रयोगशाला में तैयार किया गया था। यह सत्र वास्तविक जीवन के अपराध परिदृश्यों का सटीक अनुभव प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया था।

 

प्रमुख वक्ताओं की भागीदारी:

कार्यशाला में 2022 बैच के आईपीएस अधिकारी श्री ऋषभ त्रिवेदी ने सक्रिय रूप से भाग लिया और फॉरेंसिक विज्ञान और कानून प्रवर्तन के बीच सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम के समापन समारोह में जमशेदपुर के एसपी-सिटी श्री कुमार शिवाशीष ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर फॉरेंसिक प्रशिक्षण के महत्व और जांच में सटीकता लाने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।

संकाय की विशेषज्ञता:

एमटीएमसी के फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. विजय कौटिल्य, डॉ. ज्योतिश गुरिया, और डॉ. दीदीप्य भार्गव ने प्रशिक्षण का नेतृत्व किया। डीन डॉ. प्रदीप कुमार जी के मार्गदर्शन में, इन विशेषज्ञों ने सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों पहलुओं को कवर करते हुए प्रतिभागियों को गहन जानकारी प्रदान की।

 

कार्यशाला के प्रमुख विषय:

 

मेडिकोलीगल ऑटोप्सी की प्रक्रिया और उसका महत्व।

 

आग्नेयास्त्रों से संबंधित चोटों की पहचान और बैलिस्टिक साक्ष्यों का विश्लेषण।

 

श्वासावरोध और संबंधित अपराध मामलों की जांच।

 

अपराध स्थल की सटीक पुनर्निर्मिति और विश्लेषण।

 

प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया:

कार्यशाला में भाग लेने वाले पुलिस अधिकारियों ने इसकी इंटरैक्टिव पद्धति और वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों की सराहना की। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल उनकी पेशेवर दक्षता को बढ़ाते हैं, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया में भी योगदान देते हैं।

 

एमटीएमसी की प्रतिबद्धता:

यह कार्यशाला फॉरेंसिक विज्ञान और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए एमटीएमसी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इस पहल का उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को उन्नत तकनीकों और कौशल से सशक्त बनाना है, ताकि आपराधिक मामलों में सटीकता और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

 

मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज:

एमटीएमसी, जमशेदपुर, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (एमएएचई) का एक हिस्सा है और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान है। यह स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के साथ-साथ अत्याधुनिक सुविधाओं और समर्पित संकाय के माध्यम से सामुदायिक कल्याण में योगदान करता है।

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