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कितने साल बाद खत्म हो जाएगी दुनिया? वैज्ञानिकों ने कर दी भविष्यवाणी, बताई तबाही की तारीख, जिंदा नहीं बचेगा कोई भी जीव

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

नई दिल्ली : हमारी हरी-भरी धरती अपने विनाश की ओर बढ़ रही है. ये बात सुनकर आप चौंक जाएंगे लेकिन वैज्ञानिकों की मानें तो हालात ऐसे होंगे कि धरती-समंदर समेत कहीं भी कोई जीव जिंदा नहीं बच पाएगा. धरती के संपूर्ण विनाश की तारीख भी उन्होंने बताई है. ये भविष्यवाणी ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर सिमुलेशन तकनीक का उपयोग करके एक स्टडी के ज़रिये दी है.

जो चीज़ प्रारंभ हुई है, उसका अंत जरूर होता है. पृथ्वी पर जिस तरह जीवन की शुरुआत हुई, उसी तरह इसका अंत भी होगा. ऐसे में एक दिन ऐसा आएगा, जब सभी जीवित चीज़ें नष्ट हो जाएंगी और कुछ भी नहीं बचेगा. इसे ही संपूर्ण विनाश का दिन कहा जा रहा है.

वैज्ञानिक इसे लेकर लगातार रिसर्च कर रहे हैं कि ये क्यों और कैसे होगा. इसी बीच उन्होंने कंम्यूटर सिमुलेशन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से एक चौंकाने वाली जानकारी दी है. इसमें उन्होंने बताया है कि एक दिन इंसान और जानवर समेत कोई भी जीव-जंतु अपनी पृथ्वी पर जिंदा नहीं रह पाएगा और धरती पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी.

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर सिमुलेशन के ज़रिये ये रिसर्च किया है, जिसमें यह खुलासा हुआ है कि अगले 250 मिलियन यानि 25 करोड़ वर्षों के बाद पृथ्वी पर प्रलय आ सकता है और सब कुछ खत्म हो जाएगा.

वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी पर मनुष्य सहित सभी जीवित चीजें गायब हो जाएंगी. उस समय पृथ्वी का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा. ऐसे वातावरण में पृथ्वी पर कोई भी जीव-जंतु या इंसान जीवित नहीं रह सकता है. गर्मी के कारण सब कुछ नष्ट हो जाएगा. उन्होंने एक वर्चुअल सिमुलेशन के ज़रिये धरती का भविष्य देखने की कोशिश की, जिसमें ग्लोबल वॉर्मिंग को शामिल किया गया. इसके बाद दिखे रिजल्ट डराने वाले थे.

वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस दर से हम पृथ्वी पर कार्बन की मात्रा बढ़ा रहे हैं, उसके कारण यह विलुप्ति जल्द ही होने की संभावना है. ऐसी ही एक घटना 66 मिलियन वर्ष पहले हुई थी और कहा जाता है कि डायनासोर खत्म हो गए थे.

 

धरती के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा गया कि पिछले कॉन्टिनेंट, जिसका नाम पैंजिया था, वो 330 मिलियन से 170 मिलियन साल पहले तक रहा. अब 25 करोड़ साल बाद सभी महाद्वीपों का विलय होकर सुपरकॉन्टिनेंट पैंजिया अल्टिमा का निर्माण होगा.

वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी पहले गर्म होगी, फिर सूख जायेगी और अंततः ये रहने लायक नहीं रह जायेगी. इसके अलावा, ज्वालामुखी तब फूटते हैं जब वे गर्मी सहन नहीं कर पाते हैं और ऐसा कहा जाता है कि पृथ्वी का अधिकांश भाग ज्वालामुखियों से ढका हुआ है. ऐसे में धरती जैसे-जैसे गर्म होगी, वैसे-वैसे ज्वालामुखी भी फूटेंगे और जीवन खत्म होता जाएगा.

रिसर्च करने वाली टीम के प्रमुख एलेक्जेंडर फ़ार्नस्वर्थ ने बताया है कि धरती किसी भी जीव के रहने के लायक नहीं बचेगी क्योंकि ये बहुत गर्म हो जाएगी. उन्होंने बताया कि करीब 66 मिलियन साल पहले, दुनिया में कार्बन डाइ ऑक्साइड की मात्रा अब की तुलना में दोगुनी थी. इससे शरीर गर्म होकर लोगों की मौत हो जाती है. उनकी ये रिसर्च Nature Geoscience में साल 2023 में पब्लिश हुई थी.

अब की तुलना में 40 बिलियन टन से भी ज्यादा कार्बन डाई ऑक्साइड रिलीज़ होगी, जिससे सांस लेना मुश्किल होगा. लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण तड़प-तड़प कर मर जाएंगे. अन्य दूसरे जीवों के साथ भी ऐसा ही होगा. बड़ी संख्या में लोग एक साथ ही मारे जाएंगे. हो सकता है कि पेंजिया अल्टिमा के दक्षिणी और उत्तरी हिस्सों के किनारे पर जीने लायक परिस्थितियां बच जाएं.

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