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चमत्कारी झटका: डॉक्टर ने जिसे मृत घोषित किया, घर ले जाते समय ब्रेकर पर उछली एंबुलेंस और चलने लगीं सांसें

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

मध्यप्रदेश : उज्जैन में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति को ब्रेन हेमरेज होने पर उसका इलाज इंदौर के अस्पताल में चल रहा था। लेकिन डॉक्टरों ने उपचार के दौरान जब उसकी मौत होने की पुष्टि की तो उज्जैन में उसके निवास पर जहां अंतिम संस्कार की तैयारी कर ली गई थी।

वहीं, समाज के सभी लोगों को भी अंतिम यात्रा की जानकारी दी जा चुकी थी। लेकिन इसे भगवान का चमत्कार ही कहा जाएगा कि इंदौर से उज्जैन लाते समय अचानक एंबुलेंस को एक स्पीड ब्रेकर से ऐसा झटका लगा कि एंबुलेंस में मृत अवस्था में रखा शव अचानक हरकत में आ गया और मृतक का हार्ट और उनकी उंगलियां चलने लगी।

बताया जाता है कि सेठीनगर निवासी 50 वर्षीय राधेश्याम पाटीदार को ब्रेन हेमराज हो गया था। गंभीर स्थिति होने पर 22 जनवरी को इंदौर रेफर किया गया था। इंदौर में उपचार के दौरान अधिक हलचल नहीं थी। 24 जनवरी शुक्रवार सुबह इंदौर के अस्पताल में डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।

परिजनों ने आवश्यक औपचारिकता पूरी कर पाटीदार को अंतिम संस्कार के लिए एंबुलेंस से उज्जैन लाने का निर्णय लिया। रिश्तेदारों और अन्य लोगों को अंतिम यात्रा की सूचना देने के साथ ही सेठीनगर स्थित निवास पर तैयारी भी कर ली थी।

परिजनों ने क्या बताया

परिजनों ने बताया कि पाटीदार को जब उज्जैन लाया जा रहा था, तभी रास्ते में एक स्थान पर एंबुलेंस एक स्पीड ब्रेकर से गुजरी तो उछली, जिससे एंबुलेंस में बैठे लोगों को झटका लगा था। इसके बाद एंबुलेंस में बैठे लोगों ने देखा कि मृत घोषित हो चुके व्यक्ति की उंगलियां हिल रही हैं।

सीने पर हाथ रखने पर हार्ट में धड़कन महसूस की गई। उसकी सांसें भी चल रही थी। इसके बाद परिजन तत्काल एंबुलेंस को लेकर फ्रीगंज स्थित पाटीदार अस्पताल पहुंचे। वहां डॉक्टरों को स्थिति से अवगत कराया। डॉक्टर्स ने जांच के बाद पाटीदार को आईसीयू में ले जाकर उपचार शुरू किया। अस्पताल में फिलहाल पाटीदार की स्थिति स्थिर बनी हुई है।

 

 

डॉक्टर का क्या कहना है

डॉक्टर और परिजन अभी कुछ भी नहीं बता रहे हैं। लेकिन सभी ने घटना की पुष्टि की है। बताया तो यह भी जाता है कि राधेश्याम पाटीदार के निधन की सभी को सूचना दी गई थी। अंतिम यात्रा का समय भी तय कर दिया गया था। घर पर सभी तैयारी कर ली गई थी।

 

पेशे से कृषक राधेश्याम पाटीदार के निधन की जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में उनके रिश्तेदार, परिजन, मित्र और मिलने-जुलने वाले जमा हो चुके थे। बाद में अच्छी जानकारी मिलने के बाद घटना को चमत्कार मानते हुए लौट गए।

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