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श्रीनाथ विश्वविद्यालय में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 26 जनवरी गणतंत्र दिवस

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ विश्वविद्यालय में 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस बड़े हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। यह अवसर राष्ट्रभक्ति की भावना और देश के प्रति समर्पण का प्रतीक बना। इस भव्य समारोह में विश्वविद्यालय के संस्थापक शंभू महतो, श्रीमती संध्या महतो, कुलाधिपति सुखदेव महतो, और कुलपति डॉ. एस.एन. सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ हुआ। ध्वजारोहण का सम्मान विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुखदेव महतो द्वारा किया गया। जैसे ही तिरंगा आसमान में लहराया, उपस्थित सभी लोगों ने जोश और गर्व के साथ राष्ट्रीय गान गाया।

 

इसके पश्चात, कुलपति डॉ. एस.एन. सिंह ने छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को संबोधित किया। अपने प्रेरणादायक भाषण में उन्होंने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्यों को निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “गणतंत्र दिवस हमें हमारे संविधान और उसके आदर्शों की याद दिलाता है। यह दिन हमें यह संकल्प लेने के लिए प्रेरित करता है कि हम अपने प्रयासों से देश को विकास की नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।” उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे शिक्षा और कौशल के माध्यम से देश की प्रगति में अपना योगदान दें।

गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभागार में छात्रों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इन कार्यक्रमों में देशभक्ति गीत, नृत्य, नाटक और कविता पाठ शामिल थे, जो देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना को प्रबल करते थे। छात्रों द्वारा प्रस्तुत नाटक “आजादी का संघर्ष” ने दर्शकों को स्वतंत्रता संग्राम के कठिन दौर की याद दिलाई।

 

कार्यक्रम के दौरान शंभू महतो और श्रीमती संध्या महतो ने छात्रों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं और उन्हें देश सेवा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा और संस्कारों के माध्यम से ही एक सशक्त और स्वावलंबी भारत का निर्माण किया जा सकता है।

 

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रांगण को रंग-बिरंगी रोशनी और देशभक्ति के नारों से सजाया गया था। कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थित लोगों को मिठाइयाँ वितरित की गईं।

गणतंत्र दिवस का यह समारोह न केवल देशभक्ति की भावना को जागृत करने वाला था, बल्कि छात्रों और शिक्षकों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी बना। श्रीनाथ विश्वविद्यालय का यह आयोजन हर किसी के दिल में देशप्रेम और राष्ट्रीय जिम्मेदारी की भावना को और गहराई से स्थापित करने में सफल रहा।

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