Regional

हवन के साथ मंत्र का जाप करने से सकारात्मक ध्वनि तरंगित होती है-डीएवी पूर्व निदेशक एस के लूथरा

 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड।डीएवी राँची संभाग के पूर्व निदेशक सह आर्य समाज के कर्मयोगी सदस्य एस के लूथरा ने साक्षात्कार में हवन से होने वाले लाभ के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान समय ने हवन, वायुमंडल शुद्धि के साथ -साथ बच्चों के मानसिक विकास व आचारण में पवित्रता के लिए इसे किया जाना अत्यंत आवश्यक है।पूर्व निदेशक एस के लूथरा ने बताया कि हवन से जो धुआं निकलता है उससे वायुमंडल शुद्ध होता है। माना जाता है कि हवन में 94 प्रतिशत हानिकारक जीवाणु नष्ट करने की क्षमता होती है।

आम की लकड़ी फ़ॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस उत्पन्न करती है जो खतरनाक विषाणु और जीवाणुओं को मारती है तथा वातावरण को शुद्ध करती है।हवन के साथ किसी मंत्र का जाप करने से सकारात्मक ध्वनि तरंगित होती है। साथ ही शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। सुविधानुसार, कोई भी मंत्र बोला जा सकता है। आधे घंटे हवन में बैठा जाए और हवन के धुएं का शरीर से सम्पर्क हो तो टाइफाइड जैसे जानलेवा रोग फैलाने वाले जीवाणु खत्म हो जाते हैं।हवन कुंड में सभी देवी- देवताओं के नाम की आहुति दें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कम से कम 108 बार आहुति देनी चाहिए।

डीएवी स्कूल में आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि सभा व आर्य युवा समाज के तत्वावधान में देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा और सुख समृद्धि निमित्त राष्ट्र भृत यज्ञ किया जाता रहा है। यज्ञ प्राचीन भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। इससे वातावरण शुद्ध होने के साथ मन के विचार भी प्रभावित होते हैं।

हवन के माध्यम से ही मानव देवताओं को प्रसन्न करते हैं और मनोवांछित फल प्राप्त करते हैं।

शास्त्रों में पांच प्रकार के यज्ञ का वर्णन मिलता है। एक ‘ब्रह्म यज्ञ’ जिसमें ईश्वर या इष्ट देवताओं की उपासना की जाती है। दूसरा है ‘देव यज्ञ’ जिसमें देव पूजा और अग्निहोत्र कर्म किया जाता है।उक्त तथ्यो को बताते हुए पूर्व निदेशक सह आर्य समाज के कर्मयोगी सदस्य श्री एस के लूथरा ने साक्षात्कार में बताया कि डीएवी संस्था द्वारा अध्ययनरत विद्यार्थियों को गुणात्मक तथा रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करना ही प्राथमिकता रही है।

देश के युवाओं को परिश्रम के साथ ही जीवन के हर मुकाम पर सफलता पाते हुए अपने अभिभावकों एवं संस्था को गौरवान्वित करनी चाहिए । मेहनत से ही वांछित परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। विद्यार्थियों को अच्छा नागरिक बन देश व समाज के प्रति कर्तव्य का निर्वाह करनी चाहिए।

Related Posts