धनबाद में 150 करोड़ की जीएसटी चोरी का खुलासा, डीजीजीआई की बड़ी कार्रवाई
न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:धनबाद में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DG-GSTI) की टीम ने झारखंड में जीएसटी चोरी के सबसे बड़े मामलों में से एक का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में जमशेदपुर, रांची और धनबाद के 50 अधिकारियों की टीम ने धनबाद के धैया, झरिया, सरायढेला, गोविंदपुर समेत आठ स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान 150 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का मामला उजागर हुआ।
छापेमारी में मिले महत्वपूर्ण सबूत
संयुक्त निदेशक सार्थक सक्सेना के आदेश पर वरिष्ठ आसूचना पदाधिकारी रोशन मिश्रा के नेतृत्व में हुई इस छापेमारी में जीएसटी चोरी के मास्टरमाइंड सौरव सिंघल और उसके सहयोगी शिवम सिंह के घर और दफ्तरों की जांच की गई। इस दौरान टीम को 100 करोड़ रुपये के कैश लेन-देन के दस्तावेज, नोट गिनने वाली तीन मशीनें, पांच लैपटॉप, छह मोबाइल, पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क मिलीं। इसके अलावा, ट्रिनिटी फ्यूल, श्रीराम ट्रेडिंग कंपनी, मां तारा इंटरप्राइजेज सहित 25 फर्जी कंपनियों के इनवॉइस भी जब्त किए गए।
सरकार को 40 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान
वरिष्ठ आसूचना पदाधिकारी रोशन मिश्रा के अनुसार, अगर इन फर्जी कंपनियों के नाम से इनवॉइस जारी नहीं होती और पूरा टैक्स चुकाया जाता, तो सरकार को लगभग 40 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता। कोयले पर पांच प्रतिशत जीएसटी के अलावा 800 रुपये प्रति टन सेस लिया जाता है। जांच में पकड़ में आने पर टैक्स और सेस दोगुना हो जाता है।
मास्टरमाइंड फरार, पुलिस कर रही तलाश
छापेमारी की सूचना मिलते ही सौरव सिंघल और शिवम सिंह फरार हो गए। डीजीजीआई की टीम उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। फिलहाल, अधिकारियों ने सौरव सिंघल के पिता राजेश सिंघल से पूछताछ शुरू कर दी है।
झारखंड में जीएसटी चोरी की सबसे बड़ी कार्रवाई
रोशन मिश्रा ने बताया कि यह झारखंड में जीएसटी चोरी से जुड़ी सबसे बड़ी कार्रवाई है। जांच अभी जारी है और इसमें धनबाद के कई बड़े कारोबारियों के शामिल होने की आशंका है। अधिकारियों की टीम हार्ड डिस्क, मोबाइल और पेन ड्राइव की गहन जांच कर रही है ताकि पूरे रैकेट का खुलासा हो सके।
सरकार को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाले इस घोटाले में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।