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झारखंड में फिर बदलेगा शराब बिक्री का तरीका, सरकार नहीं करेगी खुदरा बिक्री

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

रांची:झारखंड में शराब की खुदरा बिक्री को लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य सरकार खुदरा स्तर पर शराब नहीं बेचेगी, बल्कि इसकी बिक्री का जिम्मा शराब व्यापारियों को ही सौंपा जाएगा। इस नई नीति के तहत शराब दुकानों का आवंटन टेंडर और लॉटरी प्रणाली के जरिये किया जाएगा। यह व्यवस्था एक मार्च से लागू होने की संभावना है।

पुरानी व्यवस्था की वापसी

 

दरअसल, इससे पहले भी झारखंड में शराब की बिक्री निजी व्यापारियों के जरिये ही की जाती थी। लेकिन कुछ वर्षों पहले सरकार ने खुदरा बिक्री को अपने नियंत्रण में लेकर सरकारी दुकानों के माध्यम से शराब बेचने की नीति अपनाई थी। अब सरकार फिर से पुरानी व्यवस्था की ओर लौट रही है, जिसमें शराब व्यापारी ही दुकानें संचालित करेंगे और सरकार केवल थोक कारोबार तक सीमित रहेगी।

झारखंड लिवरेज कॉरपोरेशन का बदला रोल

 

सरकार द्वारा बनाई गई कंपनी झारखंड लिवरेज कॉरपोरेशन (JLC), जो अब तक खुदरा बिक्री भी संभाल रही थी, अब केवल थोक स्तर पर शराब का कारोबार करेगी। इससे खुदरा बिक्री में निजी व्यापारियों की भूमिका फिर से बढ़ जाएगी।

शराब की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना

 

इस बदलाव के बाद झारखंड में बिकने वाली शराब की कीमतों में 5 से 8 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है। खुदरा बिक्री निजी हाथों में जाने से व्यापारी अपने लाभ को ध्यान में रखते हुए कीमतों को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, नई व्यवस्था में टैक्स, परिवहन और अन्य प्रशासनिक खर्चों के कारण भी दामों में इजाफा हो सकता है।

 

सरकार को होगा फायदा?

 

राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस नई नीति से राजस्व में वृद्धि होगी, क्योंकि निजी व्यापारियों द्वारा दुकानें संचालित किए जाने से अधिक पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा आएगी। साथ ही, सरकार का खुदरा बिक्री से सीधा जुड़ाव खत्म होने से प्रशासनिक लागत में भी कमी आएगी।

 

व्यापारियों और उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया

 

शराब व्यापारियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है, क्योंकि इससे उन्हें फिर से अपना व्यापार करने का अवसर मिलेगा। हालांकि, उपभोक्ताओं में इस फैसले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ लोगों का मानना है कि कीमतें बढ़ने से आम जनता पर असर पड़ेगा, जबकि कुछ का कहना है कि निजी दुकानें खुलने से शराब की उपलब्धता और गुणवत्ता में सुधार होगा।

आगे क्या?

 

सरकार की योजना है कि मार्च 2025 तक इस नई व्यवस्था को पूरी तरह से लागू कर दिया जाए। इसके तहत सभी जिलों में नई शराब दुकानों के लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सरकार के इस कदम से शराब कारोबार में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।

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