चम्पाई सोरेन जी का अपमान बर्दास्त नहीं किया जायेगा: रामदास टुडू*
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न्यूज़ लहर संवाददाता
रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के बारे में दिए गए बयान के बाद कोल्हान के मजदूरों, किसानों एवं आदिवासियों में भारी नाराजगी है।
इस मुद्दे पर जिले के वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं “आदिवासी सांवता सुशार अखाड़ा” के संयोजक रामदास टुडू एवं सोनाराम मार्डी ने झामुमो प्रवक्ता पर हमला बोला- “सरायकेला में झामुमो प्रत्याशी की हार से बौखलाये सुप्रियो भट्टाचार्य यह भूल रहे हैं कि कोल्हान समेत पूरे झारखंड में झामुमो का संगठन बनाने में पूर्व सीएम चम्पाई सोरेन जी का सबसे बड़ा योगदान है।”
“झारखंड आंदोलन के समय, उन्होंने संगठन के लिए जंगलों, पहाड़ों एवं गांवों में लगातार कई-कई महीनों तक रहे। उस समय ना कोई पद था, ना झारखंड राज्य था और ना ही सत्ता में आने की कोई उम्मीद थी। लेकिन उस समय भी उन्होनें हजारों मजदूरों को इकट्ठा कर आंदोलन किया। उनके आंदोलन की वजह से टाटा स्टील प्रबंधन झुका और हजारों लोगों को नौकरी मिली। यूसिल में भी चम्पाई दा के आंदोलन की वजह से आज हजारों परिवारों के घरों में चूल्हा जल रहा है।”
झारखंड आंदोलन का सफल नेतृत्व करने के बावजूद पार्टी ने उनका जो अपमान किया, उस की वजह से वे पार्टी छोड़ने को मजबूर हो गये। लेकिन उसके बाद भी, उन्होंने कभी भी अपनी पुरानी पार्टी को नुकसान पहुंचाने का कोई प्रयास नहीं किया।
यह जनता का प्यार है कि भाजपा में आने के बाद भी वे सरायकेला सीट पर रिकार्ड वोटों से जीते। जबकि इस बार उन्हें हराने के लिए झामुमो ने पूरी ताकत झोंक दी थी।
सुप्रियो भट्टाचार्य सरायकेला में हार का रोना बंद कर के अपनी सरकार पर ध्यान दें। झारखंड में आदिवासी समाज दो-तरफा मार झेल रहा है। एक ओर बांग्लादेशी घुसपैठिए उनकी जमीनों पर कब्ज़ा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर धर्म बदल चुके ईसाई आदिवासी समाज की आरक्षित नौकरियों एवं पदों को छीनते जा रहे हैं। लेकिन सरकार खामोश है।
“इंतजार कीजिए, सरकारी संरक्षण में चल रहे आदिवासियों के शोषण के खिलाफ चम्पाई दा फिर एक आंदोलन करेंगे और समाज को एकजुट करेंगे। पूरे समाज को जगा कर, सरकार की आदिवासी-विरोधी नीतियों के खिलाफ जनता को जागरूक करेंगे। दादा के नेतृत्व में फिर एक बार उलगुलान होगा।”
दो दिन पहले, दिल्ली की जनता ने दिखाया कि लोकतंत्र में घमंड किसी का नहीं टिकता है। वक्त का इंतजार कीजिए।