IGNITE 2025: चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी में नवाचार और चुनौतियों पर राष्ट्रीय सम्मेलन
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न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड।पूर्वी सिंहभूम जिला में मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज (MTMC) के टीएमए पाई सेंटर में विज्ञान, शोध और नवाचार की गूंज तब सुनाई दी जब देशभर से वैज्ञानिक, शोधकर्ता, छात्र और उद्योग जगत के विशेषज्ञ IGNITE 2025 के लिए एकत्र हुए। इस राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य विषय था “चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी के भविष्य को आकार देने में उभरते रुझान और चुनौतियां”, जिसमें चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे तकनीकी विकास और उनके प्रभावों पर चर्चा की गई।
यह सम्मेलन असोसिएटेड हेल्थ साइंसेज (AHS) विभाग द्वारा आयोजित पहला राष्ट्रीय चिकित्सा प्रयोगशाला तकनीक (MLT) सम्मेलन था। इसका आयोजन पी. यशवंत कुमार, प्रमुख-AHS कार्यक्रम, और डॉ. बीना पाणि गुप्ता, आयोजन सचिव, ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन समारोह में डीन MTMC, निदेशक, एसोसिएट डीन और AHS HOD सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियां उपस्थित थीं।
सम्मेलन में विभिन्न विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे, जिनमें डॉ. आशा पाटिल, डॉ. संतोष कुमार सिंह, डॉ. रामेंद्र पति पांडे, डॉ. साकेत कुमार और डॉ. अशोक प्रमुख थे। उनके सत्रों में चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी में नवीनतम विकास, चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। एआई-संचालित निदान, रोगाणुरोधी प्रतिरोध, गुणवत्ता प्रयोगशाला प्रबंधन, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियां और अनुसंधान के बढ़ते अवसर जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
विशेष रूप से, प्रयोगशाला में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग पर एक गरमागरम बहस छिड़ी। क्या मशीनें मानव विशेषज्ञता की जगह ले सकती हैं, या क्या उन्हें केवल निर्णय-समर्थन उपकरण के रूप में काम करना चाहिए? इस पर अलग-अलग मत सामने आए, लेकिन यह स्पष्ट था कि तकनीक अभूतपूर्व गति से इस क्षेत्र को नया आकार दे रही है।
चुनौतियों की बात करें तो कुशल प्रयोगशाला पेशेवरों की कमी, उभरती तकनीकों की उच्च लागत और डेटा गोपनीयता से जुड़े मुद्दे गंभीर चिंताओं के रूप में उभरे। सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. साकेत कुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में बुनियादी प्रयोगशाला सेवाओं की उपलब्धता अब भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। इसी तरह, डॉ. आशा पाटिल ने गुणवत्ता प्रयोगशाला प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की, जबकि डॉ. रामेंद्र पति पांडे ने चिकित्सा प्रयोगशाला पेशेवरों के लिए अनुसंधान के दायरे पर अपना सत्र प्रस्तुत किया।
सम्मेलन के समापन पर AHS विभाग के HOD ने चर्चा के दौरान सामने आई सफलताओं और सहयोगों पर विचार व्यक्त किया। उन्होंने महसूस किया कि चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी का भविष्य केवल नई तकनीकों और उपकरणों के विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि उन पेशेवरों पर भी निर्भर करता है जो सीमाओं को पार कर वास्तविक दुनिया की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं।
IGNITE 2025 ने यह साबित कर दिया कि चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी केवल निदान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस सम्मेलन ने न केवल नई संभावनाओं के द्वार खोले बल्कि भविष्य में इस तरह के आयोजनों की निरंतरता का भी आश्वासन दिया।
मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज (MTMC) के बारे में:
मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (MAHE) की एक घटक इकाई और टाटा स्टील लिमिटेड (TSL) के सहयोग से संचालित एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान है। अत्याधुनिक सुविधाओं और समर्पित संकाय के साथ, यह संस्थान गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। MTMC का लक्ष्य भविष्य के स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रशिक्षित करना और समाज की भलाई में योगदान देना है।