आयकर विधेयक 2025: नया कर ढांचा और टैक्स नियमों में बड़े बदलाव, जानें क्या होगा असर
न्यूज़ लहर संवाददाता
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स बिल 2025 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है, जिसमें कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए कई अहम बदलाव किए गए हैं। यह विधेयक 13 फरवरी को संसद में पेश किया जा सकता है। 622 पन्नों के इस बिल में करदाताओं के लिए नई परिभाषाएं, टैक्स छूट, जुर्माने और टैक्स भुगतान की आसान प्रक्रियाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि आम करदाताओं पर इसका क्या असर पड़ेगा।
नया टैक्स ईयर और कर योग्य आय
टैक्स ईयर की परिभाषा को स्पष्ट किया गया है, जिससे करदाताओं को अपनी कर देनदारी को समझने में आसानी होगी।
भारत में रहने वाले और विदेशों से आय अर्जित करने वाले नागरिकों के लिए नए टैक्स नियम लागू होंगे।
संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर कराधान की नई शर्तें लागू की जाएंगी।
कर-मुक्त आय और छूट
सरकार ने कुछ विशेष श्रेणियों की आय को कर-मुक्त रखा है, जिससे करदाताओं को राहत मिलेगी।
राजनीतिक दलों और इलेक्टोरल ट्रस्ट की आय पर टैक्स छूट दी गई है।
कृषि आय को कुछ शर्तों के तहत कर-मुक्त रखा गया है।
स्टार्टअप्स और लघु उद्योगों को टैक्स में रियायतें दी गई हैं।
धार्मिक ट्रस्ट और सामाजिक संस्थाओं को दान में दी गई राशि पर कर छूट का लाभ मिलेगा।
टैक्स की गणना के नए नियम
सरकार ने करदाताओं की आय की गणना और कर की दरों में बदलाव किए हैं।
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए नया टैक्स ढांचा पेश किया गया है।
गृहस्वामियों के लिए किराये की आय पर छूट और कटौती के नए नियम बनाए गए हैं।
पूंजीगत लाभ (Capital Gains) पर नए कर नियम लागू किए गए हैं, जिससे शेयर बाजार और रियल एस्टेट निवेशकों पर प्रभाव पड़ेगा।
व्यवसाय और पेशेवर करदाताओं के लिए नई कटौती और टैक्स छूट प्रदान की गई है।
व्यवसाय और डिजिटल इनकम पर नए नियम
स्टार्टअप्स और लघु उद्योगों को टैक्स में छूट और आसान कराधान प्रक्रिया दी जाएगी।
ऑनलाइन और डिजिटल कारोबार से होने वाली आय पर नए टैक्स नियम लागू होंगे।
बीमा, बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र के लिए विशेष कर लाभ दिए जाएंगे।
व्यापारिक खर्चों और कटौती के लिए नए नियम लागू किए गए हैं।
ई-केवाईसी और टैक्स भुगतान की आसान प्रक्रिया
सरकार ने टैक्स प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए कई नए कदम उठाए हैं।
ई-फाइलिंग (E-Filing) अनिवार्य होगी, जिससे करदाताओं के लिए प्रक्रिया आसान बनेगी।
ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेशन सिस्टम विकसित किया जाएगा, जिससे करदाता खुद अपने टैक्स की गणना कर सकेंगे।
GST और इनकम टैक्स को एकीकृत करने पर विचार किया जा रहा है।
टैक्स चोरी पर कड़े प्रावधान
सरकार ने टैक्स चोरी रोकने के लिए सख्त कानून लागू करने का प्रस्ताव रखा है।
गलत जानकारी देने पर भारी जुर्माना लगेगा।
जानबूझकर टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
बकाया टैक्स का भुगतान न करने पर अधिक ब्याज और दंड देना होगा।
आय छिपाने पर संपत्ति जब्त करने और अकाउंट सीज़ करने के अधिकार दिए जाएंगे।
पेंशन और निवेश पर कर लाभ
एनपीएस (NPS) और EPF पर टैक्स छूट को बढ़ाया गया है।
बीमा योजनाओं पर अधिक कर लाभ मिलेगा।
रिटायरमेंट फंड और म्यूचुअल फंड निवेश पर टैक्स में राहत दी गई है।
टैक्स प्रशासन में सुधार और करदाताओं के अधिकार
कर अधिकारियों के लिए नई ट्रेनिंग और मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया जाएगा।
टैक्स निरीक्षण और जांच की प्रक्रिया में बदलाव किए गए हैं।
करदाताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए “टैक्सपेयर चार्टर” लाने का प्रस्ताव किया गया है।
निष्कर्ष
आयकर विधेयक 2025 करदाताओं के लिए अधिक पारदर्शी और सरल कर प्रणाली लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसमें डिजिटलीकरण, टैक्स भुगतान की आसान प्रक्रिया, टैक्स स्लैब में बदलाव और टैक्स चोरी रोकने के लिए कड़े प्रावधान शामिल हैं। यदि यह विधेयक पारित होता है, तो इससे छोटे व्यवसायों, स्टार्टअप्स, वेतनभोगियों और निवेशकों को कर में राहत मिल सकती है, जबकि टैक्स चोरी करने वालों के लिए कड़े दंड लागू होंगे।