मुंबई का न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक संकट में: आरबीआई ने छह महीने के लिए लगाया प्रतिबंध, ग्राहकों में हड़कंप
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न्यूज़ लहर संवाददाता
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिससे बैंक के खाताधारकों में भारी चिंता फैल गई है। इस फैसले के तहत बैंक ना तो कोई नया लोन जारी कर सकेगा और ना ही किसी भी खाते से ग्राहकों को धन निकालने की अनुमति मिलेगी। इसके चलते बैंक की कई शाखाओं के बाहर लंबी कतारें लग गई हैं, और जमाकर्ता अपने पैसे को लेकर परेशान नजर आ रहे हैं।
आरबीआई ने क्यों लगाया प्रतिबंध?
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में भारी वित्तीय अनियमितताएं सामने आने के बाद 13 फरवरी को आरबीआई ने छह महीने के लिए बैंकिंग लेनदेन पर रोक लगा दी। इस दौरान बैंक के वित्तीय हालात को सुधारने की कोशिश की जाएगी, जिसके बाद आरबीआई अपने फैसले की दोबारा समीक्षा करेगा।
खाताधारकों के लिए क्या हैं नियम?
1. निकासी पर पूर्ण रोक – बैंक के ग्राहक फिलहाल अपने खाते से कोई भी पैसा नहीं निकाल सकेंगे।
2. नए लोन और डिपॉजिट पर रोक – बैंक नए ऋण जारी नहीं कर पाएगा और ना ही किसी प्रकार की नई जमा राशि स्वीकार करेगा।
3. आवश्यक खर्चों की छूट – बैंक अपने कर्मचारियों के वेतन, किराया और बिजली बिल जैसे महत्वपूर्ण खर्चों का भुगतान कर सकेगा।
डिपॉजिट इंश्योरेंस से मिल सकती है राहत
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि पात्रता रखने वाले जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत 5 लाख रुपये तक की बीमा राशि प्राप्त करने का अधिकार होगा।
ग्राहकों में अफरातफरी, बैंक के बाहर लंबी कतारें
बैंक पर बैन की खबर फैलते ही ग्राहकों में हड़कंप मच गया। बैंक की शाखाओं के बाहर अपने पैसों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। कई खाताधारकों ने अपनी मेहनत की कमाई बैंक में जमा की थी, जिससे वे अब निकासी न कर पाने के कारण परेशान हैं।
आरबीआई की सख्ती, लेकिन उम्मीद बाकी
आरबीआई के इस फैसले से ग्राहकों को अस्थायी रूप से कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन यदि बैंक अपने वित्तीय हालात सुधारने में सफल रहता है, तो यह प्रतिबंध हटाया जा सकता है। अगले छह महीनों में आरबीआई इस स्थिति की समीक्षा करेगा और जरूरत पड़ने पर नए निर्देश जारी करेगा।
ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे धैर्य बनाए रखें और आगे की आधिकारिक घोषणाओं का इंतजार करें।