Regional

172 बार रक्तदान कर मिसाल बने एस.के. झा, आनंद मार्ग ने किया सम्मानित

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:जमशेदपुर में मानव सेवा की भावना से प्रेरित होकर 172 बार स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले सुरेंद्र कुमार झा (एस.के. झा) को आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल ने सम्मानित किया। आनंद मार्ग के वरिष्ठ सन्यासी आचार्य जगतआत्मानंद अवधूत ने उन्हें पौधा भेंट कर इस प्रेरणादायक कार्य के लिए सराहा।

ईश्वर कोटि के मनुष्य हैं रक्तदाता – आनंद मार्ग

 

आनंद मार्ग के अनुसार, जो व्यक्ति निस्वार्थ भाव से दूसरों की जान बचाने के लिए अपने शरीर को कष्ट देकर सेवा करते हैं, वे “ईश्वर कोटि” के मनुष्य होते हैं। रक्तदान एक ऐसा कार्य है जिसका कोई विकल्प नहीं है, और जो भी यह महान कार्य करता है, वह समाज के लिए प्रेरणा बनता है। आनंद मार्ग ने एस.के. झा को इसीलिए “ईश्वर कोटि” का व्यक्ति बताया और उनके निस्वार्थ सेवा भाव की सराहना की।

झारखंड में रचा नया इतिहास

 

सुरेंद्र कुमार झा अब तक 172 बार स्वैच्छिक रक्तदान कर झारखंड में एक नया इतिहास रच चुके हैं। वे युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं और अपने कार्यों से समाज को रक्तदान के प्रति जागरूक कर रहे हैं।

 

ईश्वरीय प्रेरणा से करते हैं रक्तदान – एस.के. झा

 

सम्मान समारोह के दौरान एस.के. झा ने कहा, “रक्तदान करते समय मैं हमेशा ईश्वरीय भाव से इसे करता हूं। परम पुरुष से ही मुझे इस महान कार्य के लिए प्रेरणा मिलती है। रक्तदान करने से न केवल किसी की जान बचती है, बल्कि यह खुद को भी मानसिक और आत्मिक संतोष प्रदान करता है।”

 

युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत

 

एस.के. झा का यह प्रयास समाज में एक मिसाल बन चुका है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे भी रक्तदान को एक पवित्र सेवा मानें और अधिक से अधिक रक्तदान कर जरूरतमंदों की जान बचाने में योगदान दें।

आनंद मार्ग ने इस मौके पर एस.के. झा के इस महान कार्य की सराहना करते हुए कहा कि समाज को ऐसे ही सेवाभावी लोगों की जरूरत है, जो निस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा करते रहें।

Related Posts