पश्चिमी सिंहभूम के छह मुखियाओं ने बोधगया में लिया प्रबंधन प्रशिक्षण, पंचायत कार्यों में नवाचार को बढ़ावा देने की योजना*
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न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिमी सिंहभूम जिले के छह मुखिया हाल ही में बोधगया स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) में आयोजित पांच दिवसीय मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम (MDP) प्रशिक्षण में भाग लिया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य पंचायत नेतृत्व कौशल को सशक्त बनाना, प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाना और सतत विकास की दिशा में कार्य करना था। प्रशिक्षण के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों को वित्तीय प्रबंधन, ई-गर्वनेंस, सामुदायिक भागीदारी, और डिजिटल प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर आधुनिक तकनीकों से अवगत कराया गया।
संस्थान के विशेषज्ञों ने ग्राम पंचायत प्रबंधन को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर चर्चा की। इस अवसर पर मुखियाओं को पंचायत निधियों के उचित उपयोग, बजट निर्माण और वित्तीय प्रबंधन में मार्गदर्शन प्रदान किया गया। इसके साथ ही सतत विकास की दिशा में जल संरक्षण, हरित ऊर्जा, और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने की तकनीकों पर भी जानकारी दी गई। पंचायत कार्यों में तकनीकी उपयोग, ई-गर्वनेंस और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल प्रबंधन को मजबूत बनाने पर भी जोर दिया गया।
सामुदायिक भागीदारी को सशक्त करने के लिए ग्रामीण विकास योजनाओं में अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने की रणनीतियों का भी प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण में जिले के पंगा, लुपुंगुटु, सेरेंगसिया, टुटुगुटु, बड़ा चीरु और चिड़िया पंचायतों के मुखियाओं ने भाग लिया। क्रमशः हरिन तामसोय, गुलशन सुंडी, लखन लागुरी, गुना देवगम, नरेंद्र बानरा और अल्बीना कंडुलना ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।
मुखियाओं ने इस प्रशिक्षण को बहुत लाभकारी बताया और कहा कि यह उनके पंचायतों को सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होगा, जिससे वे बेहतर कार्य विधि और योजनाओं के माध्यम से ग्राम विकास में योगदान कर सकेंगे।