जमशेदपुर में डीएमएफटी न्यास परिषद की बैठक संपन्न, खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास पर जोर
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न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड :पूर्वी सिंहभूम जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में टाउन हॉल, सिदगोड़ा में डीएमएफटी (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) न्यास परिषद की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी, बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती, जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिमी के विधायक प्रतिनिधि, विभिन्न पंचायतों के मुखिया, उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान, सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, निदेशक एनईपी संतोष गर्ग सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत डीएमएफटी कोष का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जाता है। जनवरी मध्य से फरवरी तक आयोजित विभिन्न ग्राम सभाओं से कुल 14,169 योजनाएँ प्राप्त हुई हैं,
जिनमें से 9,675 योजनाओं का प्राथमिकता के आधार पर चयन किया गया है। इन योजनाओं में पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, कौशल विकास,
स्वच्छता, कृषि, सिंचाई, ऊर्जा और आधारभूत संरचना से जुड़ी परियोजनाएँ शामिल हैं। उच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं की संख्या 3,960 है, जबकि अन्य प्राथमिकता की 5,716 योजनाएँ हैं।
संवेदनशील होकर योजनाओं का चयन करने की अपील
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने बैठक में कहा कि ग्राम सभाओं के माध्यम से योजनाओं का चयन पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए ताकि प्रभावित लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो। उन्होंने डीएमएफटी फंड के उपयोग, ग्राम सभाओं में प्राथमिकता तय करने और 70% राशि उच्च प्राथमिकता वाले कार्यों पर तथा 30% राशि अन्य कार्यों पर व्यय करने के दिशानिर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि आगामी मार्च में सभी मुखियाओं के लिए डीएमएफटी गाइडलाइन के अनुसार योजनाओं के चयन और क्रियान्वयन की प्रक्रिया को सरल बनाने हेतु विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जाएगा।
सांसद और विधायकों के विचार
सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि डीएमएफटी फंड का सही उपयोग कर स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका संवर्धन को प्राथमिकता दी जाए ताकि लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि चयनित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी होगी।
विधायक मंगल कालिंदी ने सभी मुखियाओं से कहा कि डीएमएफटी योजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सतत मॉनिटरिंग करें और ग्राम सभा द्वारा चयनित योजनाओं का दूरगामी प्रभाव सुनिश्चित करें। वहीं, विधायक समीर मोहंती ने स्थानीय संसाधनों के माध्यम से कृषि को समृद्ध करने, रोजगार सृजन और शिक्षा से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता देने की बात कही।
समग्र विकास पर ज़ोर
उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान ने कहा कि नाली और सड़क जैसी बुनियादी संरचना के लिए अन्य फंड उपलब्ध होते हैं, जबकि डीएमएफटी का उपयोग ग्राम पंचायतों के समग्र विकास, रोजगार सृजन और कौशल विकास की योजनाओं के लिए किया जाना चाहिए।
बैठक के दौरान यह भी तय किया गया कि ग्राम सभाओं के माध्यम से योजनाओं के चयन से लेकर क्रियान्वयन तक तीन-स्तरीय प्रक्रिया अपनाई जाएगी। योजना के चयन के बाद प्रबंधकीय समिति प्राथमिकता तय करेगी और अंत में न्यास परिषद की बैठक में योजनाओं को अनुमोदित किया जाएगा।
डीएमएफटी न्यास परिषद की यह बैठक खनन प्रभावित क्षेत्रों में समावेशी विकास और पुनर्वास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।