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हिमाचल-उत्तराखंड में कुदरत का कहर: भारी बारिश, बाढ़ और हिमस्खलन से तबाही

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

हिमाचल प्रदेश: बाढ़ और भूस्खलन से जनजीवन प्रभावित हुआ है।भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन से व्यापक तबाही हुई है। शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। शिमला के रामपुर इलाके के झाकड़ी में बादल फटने से समेज खड्ड में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे 36 लोग लापता हो गए हैं और एक व्यक्ति की मृत्यु की पुष्टि हुई है।

मंडी जिले के द्रंग क्षेत्र में बादल फटने से तीन परिवारों के नौ लोग लापता हो गए, जबकि एक 75 वर्षीय महिला की जान चली गई। कुल्लू जिले के निरमंड में बादल फटने से दो पुल बह गए, आठ से नौ घर तबाह हो गए और सात लोग लापता बताए जा रहे हैं। स्थिति को नियंत्रित करने और राहत कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार काम कर रही हैं।

उत्तराखंड: हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोहियों का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

 

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में द्रौपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी के पास हिमस्खलन की चपेट में आने से कई पर्वतारोही फंस गए। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) की 34 प्रशिक्षु पर्वतारोहियों और सात प्रशिक्षकों की टीम इस हादसे का शिकार हुई। राहत और बचाव कार्य में तेजी लाते हुए अब तक 14 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है, जबकि सात शव बरामद किए गए हैं।

एसडीआरएफ, आईटीबीपी और वायुसेना की टीमें इस बचाव अभियान में जुटी हुई हैं। मौसम की स्थिति में थोड़ा सुधार होते ही राहत कार्यों में तेजी आई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जाएगी।

 

प्राकृतिक आपदाओं की इन घटनाओं से प्रभावित क्षेत्रों में हालात गंभीर बने हुए हैं, और प्रशासन द्वारा लगातार राहत कार्य जारी हैं। हालांकि, मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां बचाव अभियान में बड़ी बाधा बनी हुई हैं।

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