जमशेदपुर में फर्जी अधिवक्ता के खिलाफ जांच की मांग, पुलिस से कार्रवाई की अपील
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न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:जमशेदपुर के साकची थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति के फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत होने का मामला प्रकाश में आया है। अधिवक्ता श्रीराम दुबे ने साकची थाना प्रभारी को लिखित शिकायत देकर आरोपी अमित कुमार श्रीवास्तव उर्फ अमित वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
शिकायतकर्ता श्रीराम दुबे, जो स्वयं जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन के सदस्य हैं, ने प्रेस वार्ता के दौरान आरोप लगाया है कि अमित वर्मा ने जाली प्रमाण-पत्र और अंकसूची के आधार पर खुद को अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत कराया है।
उन्होंने बताया कि अमित वर्मा ने झारखंड स्टेट बार काउंसिल, बार काउंसिल ऑफ इंडिया और जिला बार एसोसिएशन को गुमराह करते हुए 2016 में अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया था।
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि अमित वर्मा पुराना न्यायालय परिसर में पिछले कई वर्षों से सरकारी / COMPANY भूमि पर अवैध कब्जा कर विभिन्न फर्जी दस्तावेज—जैसे लाइसेंस, वोटर आईडी, राशन कार्ड, बीमा प्रमाण पत्र आदि—बनाने का काम कर रहा है।
श्रीराम दुबे ने अपने स्तर पर इसकी जांच करने के बाद पाया कि अमित वर्मा की लॉ डिग्री से संबंधित दस्तावेज उत्तर ओडिशा यूनिवर्सिटी, बारीपदा और मयूरभंज लॉ कॉलेज के आधिकारिक रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते हैं।
श्री दुबे ने सूचना का अधिकार (RTI) के तहत विश्वविद्यालय और लॉ कॉलेज से जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में यह स्पष्ट हुआ कि अमित वर्मा के द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाण पत्र विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं और वे पूरी तरह से फर्जी हैं।
इसके अलावा, शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि अमित वर्मा ने टाटा स्टील के कर्मचारी विश्वनाथ सिंह के नाम पर आवंटित एक सरकारी क्वार्टर पर जबरन कब्जा कर रखा है। कंपनी द्वारा विश्वनाथ सिंह को यह क्वार्टर आवंटित किए जाने के बावजूद अमित वर्मा ने उसे धमकाकर वहां रहने की व्यवस्था बना रखी है।
शिकायत में मांग की गई है कि अमित वर्मा के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी और अन्य आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाए और तत्काल गिरफ्तारी की जाए, ताकि वह फरार न हो सके।
शिकायतकर्ता श्रीराम दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन में अभी भी फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर कुछ लोग अधिवक्ता के रूप में काम कर रहे है इसकी खुलासा जल्द मैं विगत कुछ दिनों में करूँगा ।
इस मामले में पुलिस ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन शिकायत दर्ज होने के बाद जांच की संभावना जताई जा रही है। अधिवक्ता समुदाय में इस खुलासे के बाद आक्रोश है और बार एसोसिएशन से भी इस पर उचित कदम उठाने की अपील की गई है।