फर्जी अधिवक्ता का पर्दाफाश के साथ टाटा स्टील के क्वार्टर पर अवैध कब्जे का हुआ खुलासा

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड।जमशेदपुर में अधिवक्ता श्रीराम दूबे ने फर्जी अधिवक्ता अमित वर्मा उर्फ अमित कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ एक और बड़ा खुलासा किया है। इससे पहले भी उन्होंने प्रेस वार्ता कर इस व्यक्ति की पोल खोली थी, जिसमें बताया गया था कि यह अलग-अलग पहचान बनाकर लोगों को ठगने का काम कर रहा है। अब एक नया गंभीर आरोप सामने आया है कि अमित वर्मा टाटा स्टील के एक कंपनी क्वार्टर पर अवैध रूप से कब्जा किए हुए है।
27 वर्षों से कंपनी क्वार्टर पर कब्जा
श्रीराम दूबे ने बताया कि अमित वर्मा जिस पते पर रह रहा है, वह टाटा स्टील का क्वार्टर है, जो कंपनी कर्मी विश्वनाथ सिंह, पिता बादल सिंह के नाम आवंटित है।
पिछले 27 वर्षों से उसने इस क्वार्टर पर जबरन कब्जा कर रखा है। पहले उसने बादल सिंह को धमकाकर कब्जा किया और जब टाटा स्टील ने ‘नौकरी छोड़ो, नौकरी पाओ’ योजना के तहत यह क्वार्टर विश्वनाथ सिंह को आवंटित किया, तब भी उसने इसे खाली नहीं किया।
क्वार्टर खाली करने पर धमकी
विश्वनाथ सिंह ने जब क्वार्टर खाली करवाने की कोशिश की, तो अमित वर्मा ने धमकी दी— “अगर तुमने क्वार्टर खाली करवाने की कोशिश की, तो मैं यह झूठ फैला दूँगा कि तुमने यह क्वार्टर किराए पर दिया है, जिससे तुम्हारी नौकरी चली जाएगी। अब तो मैं अधिवक्ता बन चुका हूँ, तुम्हें बर्बाद कर दूँगा।” फर्जी अधिवक्ता अमित वर्मा से आस -पास के लोग भी त्रस्त है ।
इस संबंध में अमित वर्मा की कंपनी क्वार्टर में अवैध रूप से रहने की फोटो साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की गई है।
फर्जीवाड़े से करोड़ों रुपये कमाए, गिरफ्तारी नहीं हुई तो भाग सकता है
श्रीराम दूबे ने आगे बताया कि अमित वर्मा पहले से ही आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है और उसने फर्जीवाड़े से करोड़ों रुपये कमा रखे हैं। इसलिए आशंका है कि इस पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज होते ही यह क्वार्टर छोड़कर फरार हो सकता है।
पुराने न्यायालय परिसर, जमशेदपुर में यह सभी को धोखा देकर अधिवक्ता के रूप में प्रैक्टिस करता रहा, जिसके फोटो भी साक्ष्य के रूप में उपलब्ध हैं।
अधिवक्ता समुदाय आहत, लाखों रुपये की हेराफेरी का आरोप
अमित वर्मा के फर्जीवाड़े से अधिवक्ता समुदाय भी आहत है। जिला बार एसोसिएशन एवं झारखंड बार काउंसिल के मेडिकल लाभ एवं अन्य योजनाओं से इसने लाखों रुपये हड़प लिए।
अब अधिवक्ताओं ने इसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़े को रोका जा सके।