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पलामू टाइगर रिजर्व का बाघ वापस लौटा दलमा, वन विभाग रख रहा कड़ी नजर

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड। पलामू टाइगर रिजर्व का बाघ एक सप्ताह बाद जमशेदपुर से सटे दलमा के जंगलों में लौट आया है। वन विभाग द्वारा लगाए गए ट्रैप कैमरों में बाघ की तस्वीर कैद हुई है। इससे पहले, बाघ पिछले एक सप्ताह से पश्चिम बंगाल के जंगलों में घूम रहा था। डीएफओ सबा आलम अंसारी ने पुष्टि की कि अब तक बाघ ने किसी जानवर का शिकार नहीं किया है। यह बाघ पिछले कुछ महीनों से दलमा और पश्चिम बंगाल के जंगलों के बीच लगातार आवाजाही कर रहा है और घाटशिला के सीमावर्ती इलाकों में भी इसकी मौजूदगी देखी गई है।

ट्रैप कैमरों में कैद हुई तस्वीर

 

21 दिसंबर को बाघ के दलमा में प्रवेश करने की सूचना मिली थी। इसके बाद वन विभाग लगातार उसकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए था। बाघ की मौजूदगी के संकेत पैरों के निशानों के जरिए मिले, जिसके बाद अलग-अलग स्थानों पर ट्रैप कैमरे लगाए गए। हाल ही में इन कैमरों में बाघ की स्पष्ट तस्वीरें कैद हुई हैं।

दलमा का वातावरण कर रहा आकर्षित

 

डीएफओ अंसारी के अनुसार, बाघ का मूवमेंट दिन में भी हो रहा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि उसे दलमा का वातावरण पसंद आ रहा है। उन्होंने बताया कि दलमा में बाघ की मौजूदगी वन्यजीव संरक्षण के लिहाज से सुखद और शुभ संकेत है। वन विभाग उसकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि वह सुरक्षित रहे।

 

ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग कर रहा जागरूकता अभियान

 

बाघ की वापसी से आसपास के ग्रामीणों में भय का माहौल है। वे अपने पशुधन और व्यक्तिगत सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वन विभाग लगातार ग्रामीणों को जागरूक कर रहा है और उन्हें आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दे रहा है। विभाग ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए अतिरिक्त उपाय किए हैं और किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचने के लिए सुरक्षा कदम उठाए जा रहे हैं।

वन विभाग की टीम बाघ की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए विभिन्न स्थानों पर ट्रैप कैमरे लगाए हुए है, जिससे उसकी सटीक स्थिति और व्यवहार का विश्लेषण किया जा सके। अधिकारी ग्रामीणों से अपील कर रहे हैं कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें ताकि वन विभाग आवश्यक कदम उठा सके।

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