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कोल्हान दिशुम बाहा रूमुल अखाड़ा-2025 में 10 लोकधुनों पर थिरकेंगे लोग*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड : कोल्हान हो फिल्म एंड म्यूजिक एसोसिएशन की बैठक रविवार को उपायुक्त आवास के समीपस्थ पोटो हो चौक पर हुई। बैठक में कोल्हान दिशुम बाहा रुमुल अखाड़ा-2025 के आयोजन को लेकर चर्चा की गयी। साथ ही आदिवासी हो समुदाय के बाहा पर्व के महत्व पर भी चर्चा की गयी। एसोसिएशन के कलाकारों ने कहा कि कार्यक्रम की तिथि अगली बैठक में तय की जायेगी। बाहा पर्व हो समाज के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इस पर्व में 10 विभिन्न लोक धुनों पर सामूहिक नृत्य की परंपरा हैं। कार्यक्रम में इन्हीं लोक धुनों को सहेजने के लिये बुद्धिजीवियों द्वारा व्याख्यान भी प्रस्तुत किया जायेगा। इसके अलावा कार्यक्रम में सामूहिक बाहा गूँज का भी प्रदर्शन किया जायेगा।

जिन 10 लोकधुनों पर कार्यक्रम होना है उनमें गेना, गड़ुवा, चांगुड़िया, जापे, जादुर, केमटा, षार, ले: तथा राचा शामिल हैं। हो साहित्यकार डोबरो बुड़ीउली ने कहा कि बाहा पर्व हमारा समाज का प्राचीन और प्रकृति आराधना का त्योहार है। यह हमारे जीवन-दर्शन का प्रतिनिधित्व करता है। हमें ऐसे अमूल्य धरोहरों को सहेजकर रखने की अति आवश्यकता है।

वरना हमारी अगली पीढ़ी इससे विमुख हो जायेगी। लिहाजा हमें इसके संवर्द्धन तथा संरक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है।बैठक में युवा नेता रेयांस सामड, हो भाषा साहित्यकार डोबरो बुड़ीउली,

सारिल संजय देवगम, अभिनेता डोबरो पुरती, बुरू हो सिंकू, सत्यजीत सिंकू, विकार उगुरसुंडी, अभिनेता गुरा सिंकू, श्याम कुदादा आदि मौजूद थे।

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