सीएसआईआर-एनएमएल जमशेदपुर में “विज्ञान रथ” का भव्य स्वागत, छात्रों में दिखा जबरदस्त उत्साह

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:जमशेदपुर में सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल), जमशेदपुर में “वन वीक वन थीम” पहल के तहत “विज्ञान रथ” का दौरा किया गया। यह विज्ञान रथ भारत में विज्ञान और अनुसंधान को लोकप्रिय बनाने की एक अनूठी पहल है, जिसे डीएसआईआर, भारत सरकार की सचिव और सीएसआईआर की महानिदेशक, डॉ. (श्रीमती) एन. कलैसेल्वी ने 14 फरवरी 2025 को सीएसआईआर-आईएमएमटी भुवनेश्वर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
विज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देने का अनूठा प्रयास
विज्ञान रथ का उद्देश्य “विकसित भारत 2047” की परिकल्पना के अनुरूप विज्ञान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना है। यह परियोजना ओडिशा, झारखंड और पड़ोसी राज्यों के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों तक वैज्ञानिक जागरूकता फैलाने के लिए तीन सप्ताह तक भ्रमण करेगी।
विज्ञान रथ को अनुसंधान एवं विकास (R&D), खनन, खनिज, धातु और सामग्री (4M) विषयों पर आधारित किया गया है। इस पहल के तहत, देशभर की 25 सीएसआईआर प्रयोगशालाएं भारत के खनिज और धातु संसाधनों के सतत उपयोग, नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को लेकर शोध कर रही हैं।
सीएसआईआर-एनएमएल में विज्ञान रथ का भव्य स्वागत
सीएसआईआर-एनएमएल जमशेदपुर में विज्ञान रथ के आगमन पर संस्थान के निदेशक, डॉ. संदीप घोष चौधरी ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल वैज्ञानिक ज्ञान को बढ़ावा देगा बल्कि युवाओं को भारत के भविष्य निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित भी करेगा।
विज्ञान रथ के साथ सीएसआईआर-एनएमएल और सीएसआईआर-आईएमएमटी के वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों की एक टीम भी मौजूद थी। इस दौरान विद्यार्थियों को विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में नवीनतम विकास और खोजों से अवगत कराया गया।
स्कूल-कॉलेजों में जबरदस्त उत्साह
विज्ञान रथ ने जमशेदपुर के सेंट पीटर्स इंग्लिश स्कूल, पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय, टाटानगर, जमशेदपुर महिला कॉलेज और को-ऑपरेटिव कॉलेज का दौरा किया। इस दौरान छात्रों ने वैज्ञानिकों से बातचीत की और विज्ञान व अनुसंधान से जुड़े विभिन्न पहलुओं को जाना।
इस अनूठी पहल से छात्रों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। उन्होंने विज्ञान रथ का भ्रमण कर इसे बेहद सूचनात्मक और प्रेरणादायक अनुभव बताया। विद्यार्थियों ने वैज्ञानिकों से संवाद कर विज्ञान के प्रति अपनी जिज्ञासा और रुचि को और अधिक प्रबल किया।