जमशेदपुर में जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन आयोजित, पंचायत प्रतिनिधियों को सौंपी गई शिक्षा सुधार की जिम्मेदारी

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड।जमशेदपुर के सिदगोड़ा स्थित टाउन हॉल में जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त के निर्देशानुसार जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में 03-18 आयु वर्ग के बच्चों की अनिवार्य शिक्षा, शिशु पंजीकरण, नामांकन, ठहराव एवं 12वीं कक्षा तक शिक्षा पूर्ण कराने की जिम्मेदारी को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों को उन्मुख किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती बारी मुर्मू, उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान, जिला परिषद सदस्यगण, जिले के सभी पंचायतों के मुखिया, जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) मनोज कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) आशीष पांडेय तथा शिक्षा विभाग के अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे।
शिक्षा में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका पर जोर
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती बारी मुर्मू ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका केवल विकास कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सरकारी योजनाओं की निगरानी करना भी उनका दायित्व है। उन्होंने मुखियाओं से अपील की कि वे अपने क्षेत्र में सरकारी स्कूलों की स्थिति पर सतत निगरानी रखें, स्कूलों के समय पर खुलने, शिक्षकों की नियमित उपस्थिति और बच्चों की स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कार्य करें।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कई बार माता-पिता जागरूकता के अभाव में बच्चों को स्कूल नहीं भेजते, ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों को उन्हें शिक्षा का महत्व समझाना चाहिए। बच्चों को मोबाइल की लत से दूर रखने और निर्धन-अनाथ बच्चों को गोद लेकर उनकी शिक्षा में सहायता करने की भी अपील की गई।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और ड्रॉपआउट रोकथाम पर विशेष जोर
उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान ने अपने संबोधन में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और पंचायत स्तर पर ज्ञान केंद्रों को तकनीक से जोड़ने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने एक सफल पंचायत की मिसाल देते हुए बताया कि कैसे एक मुखिया के प्रयासों से पूरे पंचायत का शैक्षिक परिवेश बदला जा सकता है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के सामूहिक प्रयासों से सरकारी स्कूलों की स्थिति में व्यापक सुधार लाया जा सकता है और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों की अपील
जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) और जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और सरकारी स्कूलों में ड्रॉपआउट दर को रोकने, छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने, शिक्षकों की उपस्थिति की निगरानी करने और मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता बनाए रखने पर जोर दिया।
समाप्ति
मुखिया सम्मेलन में पंचायत प्रतिनिधियों को शिक्षा क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया गया। सभी पंचायतों के मुखियाओं ने अपने-अपने क्षेत्र में स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए संकल्प लिया।
इस सम्मेलन से उम्मीद जताई जा रही है कि पंचायत स्तर पर शिक्षा सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा का माहौल मिलेगा।