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चाईबासा में मिशन वात्सल्य के तहत परिवार सशक्तिकरण और बाल संरक्षण पर संवाद

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:चाईबासा प्रमंडलीय आयुक्त सभागार में मिशन वात्सल्य के तहत परिवार सशक्तिकरण और बाल संरक्षण विषय पर एक दिवसीय Inspirational Dialogue का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन बाल कल्याण संघ और मिरेकल फाउंडेशन इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में हुआ, जिसमें पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिलों के बाल संरक्षण हितधारकों ने भाग लिया।

बाल संरक्षण और परिवार सशक्तिकरण पर जोर

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, प्रमंडलीय आयुक्त हरि कुमार केसरी ने कहा कि परिवारों को मजबूत बनाना और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कमजोर परिवारों की पहचान कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ना जरूरी है ताकि बच्चों को उनके मूल परिवारों में ही समुचित देखभाल मिल सके। इसके साथ ही,

उन्होंने पंचायत स्तर पर बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियों के गठन को एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जिससे परिवारों को सही दिशा में मार्गदर्शन मिल सके।

 

विशिष्ट अतिथि, झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य विकास दोदराजका ने कहा कि मिशन वात्सल्य का उद्देश्य सभी बच्चों को उनके परिवारों के साथ जोड़ना है। इसके लिए समुदाय को सशक्त करना अत्यंत आवश्यक है ताकि राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय नीतियां जमीनी स्तर तक प्रभावी रूप से लागू की जा सकें। उन्होंने यह भी बताया कि बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न निकायों के बीच समन्वय आवश्यक है ताकि बच्चों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

प्रोजेक्ट सक्षम: बाल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

 

कार्यक्रम में बाल कल्याण संघ द्वारा संचालित ‘प्रोजेक्ट सक्षम’ की जानकारी दी गई, जिसे झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्था के निर्देशन में और मिरेकल फाउंडेशन इंडिया के सहयोग से चलाया जा रहा है। प्रोजेक्ट मैनेजर शिवानी प्रिया ने बताया कि इस परियोजना के तहत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सहयोग से पूर्वी सिंहभूम जिले में 7500 कठिन परिस्थितियों में रह रहे परिवारों की पहचान की गई है, जिनमें से 1000 परिवारों के सशक्तिकरण पर विशेष रूप से कार्य किया जा रहा है।

 

बाल संरक्षण के मुद्दों पर गहन चर्चा

 

कार्यक्रम के दौरान, बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न मुद्दों और उनके संभावित समाधानों पर चर्चा हुई। सभी हितधारकों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि समुदाय में बाल अधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी रणनीतियां आवश्यक हैं।

 

इस संवाद कार्यक्रम ने बाल अधिकारों की रक्षा और परिवार सशक्तिकरण की दिशा में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि जब विभिन्न सामाजिक संस्थाएं, सरकारी निकाय और समुदाय मिलकर कार्य करते हैं, तो समाज में सकारात्मक बदलाव संभव है।

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