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सीएसआईआर-एनएमएल, जमशेदपुर में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस-2025 का भव्य आयोजन

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:जमशेदपुर में सीएसआईआर-नेशनल मेटलर्जिकल लेबोरेटरी (एनएमएल), जमशेदपुर में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस-2025 समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (नासी), झारखंड चैप्टर और इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (आईएनएई) के सहयोग से संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विज्ञान और इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने भाग लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में भारत की समृद्ध विरासत और राष्ट्र निर्माण में वैज्ञानिकों के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय विज्ञान को वैश्विक मंच पर मजबूत करने के लिए सतत अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।

 

बीआईटी मेसरा के कुलपति एवं नासी झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष प्रो. इंद्रनील मन्ना ने छात्रों, शोधकर्ताओं और अतिथियों का स्वागत किया। अपने संबोधन में उन्होंने ऊर्जा रूपांतरण, सामग्री और धातु विज्ञान, और स्वच्छ ऊर्जा के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा ऐतिहासिक रूप से किए गए अनुसंधान कार्यों का उल्लेख करते हुए विश्व स्तरीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान को बढ़ावा देने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

 

बीआईटी मेसरा के प्रतिष्ठित प्रोफेसर प्रो. प्रतीम कुमार चट्टराज ने अपने व्याख्यान में रसायन विज्ञान, भौतिकी और धातुकर्म विज्ञान के गूढ़ विषयों को रोचक उदाहरणों के माध्यम से समझाया। उन्होंने भारतीय वैज्ञानिक सर सी.वी. रमन के प्रकाश प्रकीर्णन, रेले प्रकीर्णन और स्पेक्ट्रोस्कोपी में योगदान की विस्तार से चर्चा की। साथ ही, उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय संस्कृति और वैश्विक स्तर पर भारतीय वैज्ञानिकों की पहचान बढ़ाने में सर रमन के प्रयासों को भी उजागर किया।

 

जीएसआई झारखंड के असद अहसन रजा ने झारखंड में महत्वपूर्ण धातुओं और खनिज संसाधनों पर अपने विचार रखे। उन्होंने विशेष रूप से लिथियम और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (आरईई) के भंडार दोहन की संभावनाओं पर जोर दिया और इन क्षेत्रों में सीएसआईआर-एनएमएल की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।

 

इस समारोह में 135 छात्रों और 75 शोधकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अभिलाष (एमएनएएससी) ने किया, जबकि समापन बीआईटी मेसरा के प्रो. अनिमेष घोष द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव और राष्ट्रगान के साथ हुआ।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस-2025 के इस आयोजन ने छात्रों और शोधकर्ताओं को विज्ञान की नई संभावनाओं से अवगत कराया और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति को रेखांकित किया।

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