केंद्रीयकृत कर्षण मरम्मत कारखाने में सिविल डिफेंस द्वारा कर्मचारियों को आपदा राहत कार्य में प्रशिक्षित किया गया*

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:जमशेदपुर के टाटानगर स्थित केंद्रीयकृत कर्षण मरम्मत कारखाना (सीटीआरसी) में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें रेल सिविल डिफेंस ने कर्मचारियों को आपदा राहत कार्य के लिए प्रशिक्षित किया। इस शिविर का उद्देश्य कर्मचारियों को विभिन्न आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक प्राथमिक चिकित्सा और आपदा राहत उपायों के बारे में जागरूक करना था।
शिविर का उद्घाटन सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने किया, जिन्होंने कर्मचारियों को आपातकालीन उपकरणों का सही उपयोग समझाया। प्रशिक्षण की शुरुआत में, उन्होंने कर्मचारियों को टाईम ऑफिस में रखी गई फस्ट ऐड बॉक्स, स्ट्रेचर और व्हील चेयर के उपयोग की विधि के बारे में बताया।
इसके बाद, कारखाना में रखी गई फायर बकेट, ड्राई केमिकल पाउडर फायर संयंत्र और कार्बन डाइऑक्साइड फायर सिस्टम के प्रयोग की विधि पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान, डेमोंस्ट्रेटर शंकर प्रसाद ने कर्मचारियों को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) और फायर संयंत्र के प्रयोग का मॉक ड्रिल करके समझाया। वहीं, अनामिका मंडल ने प्राथमिक चिकित्सा बैंडेज करने की विधि को भी प्रशिक्षित किया।
इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन सहायक मंडल विद्युत अभियंता प्रेमचंद शर्मा की अध्यक्षता में किया गया, जिन्होंने कार्यक्रम को दिशा-निर्देश प्रदान किए। शिविर के सफल आयोजन में वरिष्ठ अनुभाग अभियंता सामान्य एन. वी. सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेष रूप से सामग्री की व्यवस्था और कार्यक्रम के सुचारू संचालन में।
शिविर में सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार, डेमोंस्ट्रेटर शंकर प्रसाद, अनामिका मंडल, वरिष्ठ अनुभाग अभियंता निलेश कुमार, इंदर कुमार, गौतम कुमार, रविंद्र लाल, वाई कुमार, कुमार रमेश मिश्रा, सीमा सतपति, चांद मनी सरस्वती मुर्मू और अन्य तकनीकी एवं गैर-तकनीकी कर्मचारी सैकड़ों की संख्या में उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ अनुभाग अभियंता नरेंद्र बहादुर सिंह ने किया, जिन्होंने सभी प्रशिक्षकों और उपस्थित कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। इस प्रशिक्षण शिविर से कर्मचारियों में आपदा राहत कार्यों के प्रति जागरूकता और तत्परता बढ़ी, जिससे भविष्य में किसी भी आपातकालीन स्थिति में वे प्रभावी तरीके से कार्य कर सकेंगे।