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जुगसलाई कांड की जांच तेज, डीआईजी कोल्हान करेंगे पर्यवेक्षण

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:जमशेदपुर के जुगसलाई थाना क्षेत्र में 14 मार्च 2025 को घटी घटना के संबंध में दर्ज जुगसलाई थाना कांड सं. 28/2025 की जांच एवं पर्यवेक्षण के लिए झारखंड के महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक ने पुलिस उप-महानिरीक्षक (डीआईजी), कोल्हान क्षेत्र को निर्देश दिया है। इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

घटना और आरोपियों की गिरफ्तारी

 

इस कांड में भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 191 (2)/191 (3)/190/126 (2)/121 (1)/121 (2)/132/224/109 (1)/352/351 (2)/351 (3) के तहत मामला दर्ज किया गया था। घटना के आलोक में प्राथमिकी अभियुक्त सूरज राय और विजय राय को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।

सूरज राय भारतीय सेना में हवलदार के पद पर अखनूर में कार्यरत हैं, जबकि विजय राय उनके चचेरे भाई हैं। इस घटना को लेकर कई स्तरों पर चर्चा हो रही है, क्योंकि किसी फौजी का जेल जाना चिंता का विषय माना जाता है। कई विशेषज्ञों और पूर्व सैन्य अधिकारियों का मानना है कि यदि कोई सैनिक कानून का उल्लंघन करता है, तो उसे पुलिस के बजाय संबंधित सेना इकाई (Army Unit) को सौंप दिया जाना चाहिए, ताकि सेना अपने नियमों के अनुसार उचित कार्रवाई कर सके।

 

डीआईजी कोल्हान करेंगे जांच का पर्यवेक्षण

 

महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखंड ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी कोल्हान को इस कांड की निष्पक्ष जांच का जिम्मा सौंपा है। उन्होंने निर्देश दिया है कि जांच पूरी निष्पक्षता से की जाए और यदि कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

 

इस निर्देश के बाद पुलिस उप-महानिरीक्षक, कोल्हान जल्द ही पूरे मामले की विस्तृत समीक्षा करेंगे और मामले में संलिप्त सभी व्यक्तियों से पूछताछ कर रिपोर्ट तैयार करेंगे। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी निर्दोष को सजा न मिले और वास्तविक दोषियों को कानून के अनुसार दंडित किया जाए।

 

सेना और पुलिस के बीच तालमेल की आवश्यकता

 

इस घटना ने सिविल कानून और सेना के आचार संहिता के बीच समन्वय को लेकर बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि सेना के जवानों पर लगे आरोपों की जांच में सैन्य अधिकारियों की भूमिका भी होनी चाहिए, ताकि निष्पक्षता बनी रहे और किसी भी सैनिक को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए।

 

क्या हो सकता है आगे?

 

डीआईजी कोल्हान पूरे मामले की समीक्षा करेंगे और रिपोर्ट सौंपेंगे।

 

यदि सूरज राय पर लगे आरोप सही साबित होते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है या सेना के नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।

 

झारखंड पुलिस और सेना के बीच इस तरह के मामलों को लेकर भविष्य में बेहतर समन्वय की नीति बनाई जा सकती है।

 

 

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस जांच के नतीजे क्या निकलते हैं और इस मामले में आगे क्या कार्रवाई की जाती है।

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