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चाईबासा में ‘मिशन वात्सल्य’ पर इंस्पिरेशनल संवाद कार्यक्रम, बच्चों के सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम* 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:चाईबासा में झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्थान और जिला प्रशासन चाईबासा द्वारा बाल कल्याण संघ एवं मिरेकल फाउंडेशन इंडिया के सहयोग से प्रमंडल स्तरीय ‘इंस्पिरेशनल डायलॉग ऑन मिशन वात्सल्य’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न हितधारकों की भागीदारी के साथ दीप प्रज्वलन से विधिवत रूप से आरंभ हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्री विकास दोदराजका ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देने और उन्हें बाल सुरक्षा कानूनों के प्रति जागरूक करने से उनके उज्जवल भविष्य की नींव रखी जा सकती है।

उन्होंने पंचायत स्तर पर बाल कल्याण समितियों के गठन की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होकर आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों का संरक्षण और सशक्तिकरण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

 

साथ ही, उन्होंने यह सुझाव दिया कि यदि माता-पिता बच्चों की देखभाल करने में सक्षम नहीं हैं, तो गैर-संस्थागत देखभाल एक बेहतर विकल्प हो सकती है, जिससे बच्चों को परिवार जैसा माहौल मिल सके।

 

बाल कल्याण संघ के संस्थापक संजय मिश्र ने भी अपने विचार साझा किए और कहा कि संस्थागत देखभाल में रहने वाले बच्चों में भी असाधारण क्षमताएं होती हैं। सरकार और संस्थाएं उनके लिए समुचित अवसर उपलब्ध कराकर उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित कर सकती हैं। उन्होंने मिशन वात्सल्य योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना बच्चों को परिवार जैसी सुरक्षा और देखभाल प्रदान करने का एक उत्कृष्ट प्रयास है।

इस कार्यक्रम में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिलों के बाल कल्याण समिति (CWC), जिला बाल संरक्षण इकाई (DCPU), बाल देखभाल संस्थान (CCI) और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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