प्रेम,सद्भाव और समरसता का फल मुनगा छुईं का बाजार भाव में भारी गिरावट

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड।गुवा क्षेत्र में तुलसी और नीम के बाद सबसे ज्यादा संख्या मे मिलने वाले डोमेस्टिक पेड़ पौधों में सहजन का फल छुईं का बाजार भाव में काफी गिरावट हुई है। पिछले वर्ष जहाँ छुई का बाजार में कीमत दो सौ रूपया प्रतिकिलो था वहीं इस वर्ष पैदावार अधिक होने से बाजार मे छुईं व सुट्टी तीस रूपए प्रतिकिलों के भाव से बिक रहा है। लगभग हर कोई सहजन के पेड़ को अपने घर के बाहर या आंगन में लगाने की चाह रखता है।
पंडित नागेंद्र पाठक ने बताया यहाँ लोगों में मान्यता है की सहजन के फल ,जिसे स्थानीय भाषा में मुनगा छूइं व सुट्टी के नाम से जाना जाता है,इसे आस पड़ोस में मिल बांटकर खाने से मुनगा गाछ की फल ,फूल व पत्ते में मिठास बढ़ने की बात प्रचलित है।
यह कितना सही या गलत है कहा नहीं जा सकता ,मगर लोगों मे जात- पात, ऊंच -नीच से परे सभी को छुईं के आपसी आदान प्रदान से प्रेम,सद्भाव और समरसता बढ़ता है।
आज भी लोग गली मोहल्लो में एक दूसरे को छुईं का आदान प्रदान करते है। प्रोटीन,कैल्शियम और विटामिन युक्त होने से इसकी मांग बहुत है। मधुमेह,उच्च रक्तचाप और पाचन क्रिया में सहजन के फल और पत्ते को लाभकारी बताया जाता है।