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मागे पर्व पर हो आदिवासी समुदाय ने ढोल नगाड़े की थाप पर किया नृत्य

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

 

झारखंड।सारंडा जंगल के अति नक्सल प्रभावित गांव लिपुंगा में मागे पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान लिपुंगा गांव के दिउरी नरसिंह चाम्पिया व उनके सहयोगियों द्रारा विशेष रूप से सरना के देशाउली में पूजा अर्चना की। साथ ही लाल, काले व भूरे रंग के मुर्गा और मुर्गियों की बलि देकर अपने इष्ट देवता सिंहबोंगा से अपने अपने घरों की सुख समृद्धि व शांति की कामना की। साथ ही लोगों को विभिन्न छूत बीमारी और अन्य बीमारी से बचाने को लेकर कामना की गई।

इस अवसर पर हो आदिवासी समुदाय के लोगों ने नये नये परिधानों में मांदर व नागडे की थाप पर नृत्य किया। सबसे ज्यादा उत्साह बच्चो में देखा गया। दूर दूर गांव से आए मेहमानों ने मागे पर्व में शामिल हुआ। जिसमें चाईबासा, जोजोगुटु,गुवा,नुईया,ठाकुरा,नोवामुंडी सहित अन्य गांव के ग्रामीण शामिल हुए।

इस मौके पर ग्रामीण मुंडा चरण चाम्पिया, चुम्बुरु चाम्पिया,दोनगो चाम्पिया,रसिका चाम्पिया, बीर सिंह चाम्पिया, कप्तान चाम्पिया, जगदीश केराई सहित अन्य गांव के ग्रामीण पुरुष एवं महिलाएं मौजूद थे।

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