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पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ी, लेकिन दाम नहीं बढ़ेंगे: सरकार

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि इस वृद्धि का असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इसे कच्चे तेल की घटी कीमतों से एडजस्ट किया जाएगा।

वर्तमान में सरकार पेट्रोल पर 19.90 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 15.80 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूल रही थी। अब यह बढ़कर पेट्रोल पर 21.90 रुपए और डीजल पर 17.80 रुपए प्रति लीटर हो गई है।

कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करेगी भविष्य की दरें

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यदि कच्चे तेल के दाम आगे भी गिरते रहे, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है।

 

किन कारकों से तय होती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें?

 

पेट्रोल और डीजल की कीमतें मुख्य रूप से निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती हैं:

 

1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत

 

 

2. भारतीय रुपये की अमेरिकी डॉलर के मुकाबले विनिमय दर

 

 

3. केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाया जाने वाला टैक्स

 

 

4. देश में पेट्रोल-डीजल की मांग

 

 

 

भारत में कैसे तय होती हैं ईंधन की कीमतें?

 

2010 से पहले पेट्रोल की कीमत सरकार तय करती थी, जिसे हर 15 दिन में संशोधित किया जाता था। लेकिन 26 जून 2010 से सरकार ने पेट्रोल की कीमतें ऑयल कंपनियों के हवाले कर दीं।

 

इसी तरह, 19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने डीजल की कीमतों को भी कंपनियों पर छोड़ दिया। अब तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, ट्रांसपोर्टेशन लागत आदि को ध्यान में रखकर रोजाना कीमतें तय करती हैं।

 

क्रूड ऑयल 4 साल के निचले स्तर पर

 

सरकार ने एक्साइज ड्यूटी ऐसे समय बढ़ाई है जब कच्चे तेल की कीमतें पिछले चार वर्षों के सबसे निचले स्तर पर हैं। ब्रेंट क्रूड पिछले हफ्ते 12% तक गिर चुका था और सोमवार को भी 4% की गिरावट के साथ 64 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया।

 

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि क्रूड ऑयल की कीमतें इसी तरह गिरती रहीं, तो आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम भी कम हो सकते हैं।

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