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सजायाफ्ता बंदियों को विधिक सहायता: जिला विधिक सेवा प्राधिकार की पहल

 

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झारखंड। जिला विधिक सेवा रियाल्टार (डालसा) पश्चिम सिंहभूम चाईबासा के विदेशी मंडल कारा चाईबासा में बैंडाफ्ता बंदियों के मुद्दों को जानने और उन्हें आवश्यक विधिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस दौरान प्रमुख रूप से रियाल्टार के लोक अभियोजक (इलाका डीसी) प्रमुख सुंदर प्रसाद दास और सहायक सहायक सहायक सहायक डीसी रत्नेश कुमार ने बंदियों से मुलाकात की और उनकी कानूनी संभावनाओं को विस्तार से सुना।

बैठक के दौरान एलाडीसी अधिकारियों ने बंदियों को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी दी और बताया कि यदि वे अपने मामले की अपील अदालत या उच्च न्यायालय में करना चाहते हैं, तो इसके लिए विधिक प्रक्रिया अपनाई जा सकती है। जिन बंदियों को किसी भी प्रकार की समस्या हो रही है, उनके लिए जिला विधिक सेवा प्रदाता ने निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने की पहल कि

इस अवसर पर कानूनी अधिकारियों ने कहा कि विधिक सहायता का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी अपने अधिकार से वंचित न रहे और उन्हें न्याय प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन मिल सके। उन्होंने बंदियों को साहित्यिक के माध्यम से मिलने वाली अन्य कानूनी सेवाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

 

जेलों में इस प्रकार की विधिक सहायता शिविर का आयोजन किया जाता है, जिससे बंदियों को अपने अधिकार और कानूनी आवश्यकताओं की पूरी जानकारी मिल सके। अधिकारियों ने बताया कि यदि कोई अपने मामले की बहाली पर रोक लगाना चाहता है या अपील करना चाहता है, तो इसके लिए जरूरी है कि दस्तावेज और पढ़ाई में मदद की जाए।

 

इस पहले से उन बंदाओं को विशेष रूप से लाभ मिलेगा जो अपने मामलों को लेकर अनिश्चितता और असमंजस की स्थिति में हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का यह प्रयास दिशा में न्याय की सुगमता सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण कदम है।

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