पुरुषोत्तम दास पान बने जिला कांग्रेस के शिक्षा विभाग के चेयरमैन, कांग्रेसियों ने किया भव्य स्वागत एवं सम्मान*

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: जिला कांग्रेस कमिटी, पश्चिमी सिंहभूम के शिक्षा विभाग के चेयरमैन पद पर सेवानिवृत्त शिक्षक पुरुषोत्तम दास पान की नियुक्ति के बाद शुक्रवार को कांग्रेस भवन, चाईबासा में एक सादे किन्तु गरिमामय समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास सहित अनेक वरिष्ठ कांग्रेसियों ने श्री पान का शॉल, पुष्पगुच्छ एवं अभिनंदन पत्र भेंट कर उनका हार्दिक स्वागत एवं सम्मान किया।
कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास ने नव नियुक्त चेयरमैन को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि पुरुषोत्तम दास पान अपने शैक्षणिक अनुभव एवं संगठनात्मक समझदारी से पार्टी की नीतियों को जनमानस तक पहुंचाने का कार्य पूरी निष्ठा और कर्मठता से करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आज ऐसे ही कर्मठ और समर्पित नेताओं की आवश्यकता है जो पार्टी के विचारधारा को समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर शिक्षकों और बुद्धिजीवियों तक प्रभावी रूप से पहुंचा सकें।
इस अवसर पर पुरुषोत्तम दास पान ने सभी कांग्रेसजनों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि, “मैं कांग्रेस की विचारधारा से लंबे समय से जुड़ा रहा हूं। अब इस नई जिम्मेदारी के माध्यम से मेरा प्रयास रहेगा कि सेवानिवृत्त शिक्षकों/शिक्षिकाओं, वर्तमान शैक्षणिक समुदाय और शिक्षा से जुड़े अन्य वर्गों को कांग्रेस के सिद्धांतों से जोड़कर संगठन को और अधिक मजबूत, सक्रिय और सशक्त बना सकूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा जगत के लोग समाज का मार्गदर्शन करने की क्षमता रखते हैं और यदि उन्हें सही दिशा में जोड़ा जाए तो संगठन को नई ऊर्जा मिल सकती है।
कार्यक्रम में कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे, जिनमें कांग्रेस जिला प्रवक्ता त्रिशानु राय, महासचिव अशोक बारिक, लियोनार्ड बोदरा, सेवानिवृत्त शिक्षक सुरसेन टोपनो, वरिष्ठ कांग्रेसी अजय कुमार, राकेश सिंह, सुशील दास, संजय साव, जोसेफ केसरिया, विजय नायक सहित अन्य गणमान्य लोग शामिल थे।
इस अवसर पर सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि संगठन को जमीनी स्तर तक मज़बूत बनाने के लिए शिक्षा विभाग की नई जिम्मेदारी के तहत हरसंभव प्रयास किए जाएंगे, ताकि कांग्रेस पार्टी की उपस्थिति हर क्षेत्र में सशक्त रूप में दिखाई दे।
यह नियुक्ति न केवल शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को प्रतिनिधित्व देने की दिशा में एक सराहनीय कदम है, बल्कि इससे कांग्रेस संगठन को बौद्धिक मजबूती मिलने की भी पूरी संभावना है।