Regional

बागबेड़ा की प्यास को मिली राहत, जल संकट के अंधेरे में संघर्ष की रोशनी

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

झारखंड:जमशेदपुर के बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी में वर्षों से पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसते लोगों को अब राहत मिलने की उम्मीद है। लम्बे समय से जारी जल संकट, प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ एक लंबी लड़ाई के बाद कॉलोनी में अब नियमित और पर्याप्त जलापूर्ति की संभावना बनने लगी है। इस परिवर्तन के केंद्र में हैं बागबेड़ा मंडल कांग्रेस अध्यक्ष राजनारायण यादव, जिनके अथक प्रयासों और जनहित में निर्भीक संघर्ष के चलते यह संभव हो पाया है।

झारखंड के जमशेदपुर क्षेत्र की यह घनी आबादी वाली कॉलोनी हर गर्मी में जल संकट की मार झेलती रही है। पीने के पानी के लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ता था, जबकि सरकारी योजनाओं की फाइलें वर्षों तक धूल फांकती रहीं। लेकिन अब स्थिति बदल रही है। पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, आदित्यपुर के कार्यपालक अभियंता सुमित कुमार ने बागबेड़ा जलापूर्ति योजना को अपने अधीन लेकर एक नई शुरुआत की है।

नई पहल के तहत अब किसी भी जल कनेक्शन के लिए विभागीय स्वीकृति अनिवार्य होगी, बिना अनुमोदन किए गए सभी कनेक्शन अवैध माने जाएंगे और उन पर कार्रवाई होगी। जल वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की दिशा में यह एक ठोस कदम है। इसके साथ ही ग्राम जल स्वच्छता समिति पर भी निगरानी बढ़ाई गई है, ताकि कोई व्यय बिना अनुमति के न हो।

 

इस प्रक्रिया ने उस सच्चाई को भी उजागर किया है, जो वर्षों से बागबेड़ा की जनता के सामने एक सवाल बनकर खड़ी थी। करीब 500 अवैध जल कनेक्शन पूर्व मुखिया राजकुमार गौड़ द्वारा बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के दिए गए थे। न तो संबंधित दस्तावेज थे, न ही कोई शुल्क जमा किया गया था, बल्कि पाइपों में सीधे छेद कर जल की चोरी की जा रही थी। इससे वैध रूप से जल कनेक्शन लेने वाले लोग पानी से वंचित रह गए। कॉलोनी के कई इलाके, जैसे कुंवर सिंह मैदान रोड नंबर 3 और 6, तक पानी पहुंचना ही बंद हो गया था।

 

लेकिन इस अंधकार में एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आए राजनारायण यादव। उन्होंने लगातार जिला उपायुक्त, डीडीसी और विभागीय अधिकारियों से संपर्क बनाए रखा, शिकायतें कीं, मीटिंग कीं, पत्र लिखे और सबसे बढ़कर, जनहित के मुद्दे पर कभी पीछे नहीं हटे। उन्हें धमकाया गया, दबाव डाला गया, लेकिन उन्होंने कहा, “अगर मुझे जेल भी जाना पड़े, तब भी बागबेड़ा के लोगों के हक के लिए लड़ता रहूंगा।”

 

अब विभाग ने सार्वजनिक रूप से मान लिया है कि पाइप जलापूर्ति योजना का क्रियान्वयन आदित्यपुर प्रमंडल के तहत होगा और हर घर तक पानी पहुंचाना उनकी प्राथमिकता होगी। योजना के तहत प्रत्येक घर को वैध कनेक्शन के लिए 1050 रुपये की सिक्योरिटी मनी और आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। केवल रजिस्टर्ड प्लंबर के माध्यम से कनेक्शन दिया जाएगा और हर महीने ₹100 शुल्क जल सहिया को देना होगा।

 

बागबेड़ा के लोगों के लिए यह केवल पानी मिलने की खबर नहीं, बल्कि वर्षों से चल रहे अन्याय और भ्रष्टाचार पर जीत की घोषणा है। यह एक ऐसा मोड़ है, जहां प्रशासनिक व्यवस्था को जनता की आवाज़ ने झुकने पर मजबूर कर दिया। यह संघर्ष अब मिसाल बन चुका है—इस बात की मिसाल कि अगर नेतृत्व ईमानदार हो और जनता संगठित, तो व्यवस्था को भी बदलना पड़ता है।

 

बागबेड़ा की गलियों में अब पानी की नहीं, उम्मीदों की धार बहने लगी है। यह केवल जल नहीं, अधिकार का प्रतीक है। यह लड़ाई पानी की नहीं, इज्ज़त, हक और इंसाफ़ की थी—और इसमें जीत जनता की हुई है।

Related Posts