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सरजामदा में मामूली झगड़े के बाद 11 वर्षीय बालक ने की आत्महत्या

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र के सरजामदा गुरुद्वारा रोड में एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया, जहां मात्र 11 वर्षीय एक स्कूली छात्र प्रेम मुंडा ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। पारिवारिक तनाव और भावनात्मक असंतुलन जैसी स्थितियाँ बच्चों पर किस तरह असर डालती हैं, यह घटना उसका मार्मिक उदाहरण बन गई है।

रविवार की दोपहर सरजामदा गुरुद्वारा रोड स्थित एक घर में उस समय हड़कंप मच गया जब 11 वर्षीय प्रेम मुंडा ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह सरकारी विद्यालय में कक्षा 4 का छात्र था। सूचना मिलते ही मोहल्ले के लोगों ने उसे तुरंत खासमहल सदर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

प्रेम की मां लक्ष्मी मुंडा टाटा मोटर्स में ठेका मजदूर के रूप में काम करती हैं और उसी दिन की तरह रविवार को भी वह काम पर गई हुई थीं। घर पर प्रेम और उसकी छोटी बहन अकेले थे। बताया जा रहा है कि खेल-खेल में दोनों भाई-बहन के बीच किसी बात को लेकर मामूली कहासुनी हो गई थी। इसी दौरान प्रेम मुंडा कमरे में गया, दरवाजा बंद किया और दुपट्टे से फांसी लगा ली।

बहन के रोने-चिल्लाने की आवाज सुनकर आस-पड़ोस के लोग घर पहुंचे और दरवाजा तोड़कर बच्चे को नीचे उतारा। तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

घटना की सूचना मिलते ही प्रेम की मां लक्ष्मी मुंडा अस्पताल पहुंची, जहां बेटे की मौत की खबर सुनकर वह बदहवास हो गईं। परिजनों और स्थानीय लोगों की चीख-पुकार से अस्पताल परिसर का माहौल गमगीन हो गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

मृतक के पिता का कुछ वर्षों पहले ही निधन हो गया था। मां लक्ष्मी मुंडा अपने दो बच्चों का पालन-पोषण अकेले कर रही थीं। पड़ोसियों के अनुसार प्रेम एक शांत स्वभाव का बच्चा था, लेकिन घरेलू और भावनात्मक दबाव ने शायद उसके मासूम मन को भीतर से तोड़ दिया।

इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी कितनी घातक हो सकती है। परिवार, स्कूल और समाज को मिलकर ऐसे हालात से निपटने की दिशा में गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है।

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