चाईबासा में छात्राओं को मिला कानूनी अधिकारों का ज्ञान, विधिक सेवा प्राधिकरण ने किया जागरूक

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा में सोमवार को छात्राओं के लिए एक विशेष विधिक साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, रांची के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के मार्गदर्शन में, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) चाईबासा द्वारा सीएम स्कॉट बालिका +2 उच्च विद्यालय में आयोजित किया गया।
इस एक दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूली छात्राओं को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना, साइबर अपराध से सतर्क रहना सिखाना, साथ ही बाल विवाह, पोक्सो एक्ट और महिलाओं से जुड़े कानूनों की जानकारी देना था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रवि चौधरी ने की, जबकि पैरा लीगल वॉलंटियर (PLV) सूरज कुमार ठाकुर ने विभिन्न विधिक पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम में छात्राओं को बताया गया कि किस प्रकार महिलाएं, बच्चे, वरिष्ठ नागरिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग DLSA से निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही बाल विवाह और पोक्सो एक्ट जैसे कानूनों के तहत बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई। घरेलू हिंसा, डायन प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध कानूनों की जानकारी भी साझा की गई।
मामूली मामलों के त्वरित निपटारे के लिए लोक अदालत और मध्यस्थता के विकल्पों पर भी प्रकाश डाला गया। सड़क दुर्घटना के मामलों में कानूनी सहायता और मुआवजा प्राप्त करने की प्रक्रिया से भी छात्राओं को अवगत कराया गया।
कार्यक्रम में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों पर विशेष फोकस रखा गया। छात्राओं को सावधान करते हुए बताया गया कि किसी के साथ OTP साझा न करें, फर्जी कॉल और लिंक से सावधान रहें, अंजान व्यक्तियों से सोशल मीडिया पर संपर्क न रखें और किसी भी साइबर ठगी की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।
कार्यक्रम के अंत में जागरूकता पंपलेट वितरित किए गए और छात्राओं को विधिक सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया विस्तार से समझाई गई।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों और छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई। छात्राओं ने उत्साहपूर्वक सवाल पूछे और कानूनी जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम के समापन पर DLSA सचिव रवि चौधरी ने विद्यालय प्रशासन एवं सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम युवाओं को सशक्त बनाते हैं और उन्हें अपने अधिकारों को पहचानने की दिशा में प्रेरित करते हैं।