अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस …. बेवजह है तभी तो दोस्ती है, यार वजह होती तो व्यापार होता!
न्यूज़ लहर संवाददाता
हर साल 30 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। ये दिन दोस्तों के लिए खास होता है। परिवार से अलग आपके अपने, जो आपके विश्वासपात्र होते हैं, जिनके साथ आप अपने सुख दुख बांटते हैं, दोस्त होता है। दोस्त आपके जीवन का वह सदस्य है, जो आपकी खुशी में खुश होता है। सदैव आपका भला चाहता है। जरूरी नहीं कि दोस्त हमेशा साथ ही हों। दूर बैठे लोग भी आपके दोस्त हो सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस की शुरुआत दुनियाभर के देशों के बीच मैत्री संबंध को बढ़ावा देने के लिए की गई।*
दुनिया के देश दो बार मित्रता दिवस मनाते हैं। भारत समेत बांग्लादेश, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश हर साल अगस्त के पहले रविवार को दोस्ती दिवस मनाते हैं। हालांकि अन्य कई देशों में 30 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।*
अंतरराष्ट्रीय दोस्ती दिवस पहली बार 30 जुलाई 1958 को विश्व मैत्री धर्मयुद्ध ने प्रस्तावित किया था। यह एक अंतरराष्ट्रीय नागरिक संगठन है। हालांकि आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस को मनाने की शुरुआत साल 2011 से हुई थी। संयुक्त राष्ट्र ने दोस्ती और उसके महत्व को मजबूत बनाने के उद्देश्य से इस दिन को बढ़ावा दिया।*
*क्यों हुई शुरुआत*
यूनेस्को की ओर से अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस मनाने की पहल शांति की संस्कृति के प्रसार के रुप में की गई है। इस दिन दुनिया के तमाम देशों में दोस्ती के माध्यम से खुशी और एकता का संदेश फैलाया जाता है।इस दिवस को मनाने का उद्देश्य नस्ल, रंग, लिंग, धर्म आदि के बावजूद विभिन्न देशों के लोगों के बीच दोस्ती के रिश्ते को मजबूत करना है। यह डे दुनिया भर में दोस्ती और भाईचारे को बढ़ावा देता है। इस दिन को सिर्फ दो लोगों के बीच की दोस्ती ही नहीं बल्कि विभिन्न देशों, विभिन्न संस्कृतियों, विभिन्न नस्लों के बीच दोस्ती के रिश्ते को बढ़ाने और परस्पर विश्वास कायम करने पर जोर देने के अवसर के रूप में देखा जाता है।
अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस यूनेस्को द्वारा शांति की संस्कृति के प्रसार के लिए की गई एक पहल है, जिसमें दुनिया के तमाम देशों में दोस्ती के माध्यम से खुशी और एकता के संदेश को फैलाने के समाधान के तौर पर यह दिन अस्तित्व में आया।
सौजन्य: इंटरनेट