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पूर्वी सिंहभूम में उपायुक्त के नेतृत्व में पंचायत और वार्डों का निरीक्षण, विकास कार्यों की जमीनी हकीकत परखी गई

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड:पूर्वी सिंहभूम
जिले में सरकारी योजनाओं और बुनियादी सेवाओं के जमीनी क्रियान्वयन की हकीकत जानने के लिए जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के नेतृत्व में सभी प्रखंडों और नगर निकायों में नामित नोडल पदाधिकारियों ने पंचायतों और वार्डों का भ्रमण किया।

निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त अनन्य मित्तल ने डुमरिया एवं मुसाबनी प्रखंडों का दौरा किया। मुसाबनी प्रखंड के पूर्वी व दक्षिण बादिया पंचायत के सामुदायिक संसाधन भवन में पहुँचकर उन्होंने पंचायत में संचालित योजनाओं और उपलब्ध सुविधाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का दौरा किया, जहाँ छात्राओं से संवाद स्थापित करते हुए विद्यालय में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं और शिक्षण गतिविधियों की जानकारी ली। उपायुक्त ने छात्राओं को उज्जवल भविष्य के लिए कठिन परिश्रम करने की प्रेरणा दी।

डुमरिया प्रखंड में उपायुक्त ने कांटाशोल स्थित कला केंद्र प्रशिक्षण केन्द्र का निरीक्षण किया, जहां महिलाओं के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण जैसे तेल पेराई, आटा पिसाई और कंप्यूटर प्रशिक्षण की गतिविधियों का अवलोकन किया। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए केंद्र संचालकों को निर्देश दिया कि राज्य सरकार की योजनाओं से महिलाओं को जोड़कर उन्हें उद्यम स्थापित करने में सहयोग करें। निरीक्षण के दौरान एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर) अनिकेत सचान, नामित वरीय अधिकारीगण और प्रखंड विकास पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

इस क्रम में अन्य नोडल पदाधिकारियों ने भी विभिन्न प्रखंडों में योजनाओं के क्रियान्वयन का जायजा लिया। अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम श्रीमती शताब्दी मजूमदार ने बोड़ाम प्रखंड के रसिकनगर, एसओआर राहुल आनंद ने धालभूमगढ़ प्रखंड के नुतनगढ़, निदेशक (एनईपी) ने गुड़ाबांदा प्रखंड के फॉरेस्ट ब्लॉक, जिला परिवहन पदाधिकारी धनंजय ने जुगसलाई, भूमि सुधार उप समाहर्ता गौतम कुमार ने पोटका प्रखंड के डोमजुड़ी, कार्यपालक दंडाधिकारी सुदीप्त राज ने मुसाबनी प्रखंड के माटीगोड़ा और कार्यपालक दंडाधिकारी चन्द्रजीत सिंह ने पटमदा प्रखंड के लावा पंचायत का निरीक्षण किया।

इस अभियान का उद्देश्य पंचायत एवं ग्राम स्तर पर संचालित योजनाओं की वास्तविक स्थिति जानना और लोगों तक सरकारी सेवाओं को सुचारु रूप से पहुँचाने के प्रयासों का मूल्यांकन करना था।

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