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एक्सएलआरआई जमशेदपुर और आईयूसीएन के सहयोग से बिजनेस-बायोडायवर्सिटी कॉन्क्लेव का आयोजन: भारतीय व्यवसायों के लिए टिकाऊ भविष्य की रूपरेखा

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: भारत के पहले प्रबंधन संस्थान और जिम्मेदार प्रबंधन शिक्षा के वैश्विक अग्रणी, एक्सएलआरआई – जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट ने अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) के सहयोग से सफलतापूर्वक बिजनेस-बायोडायवर्सिटी कॉन्क्लेव का आयोजन किया। यह कार्यक्रम एक्सएलआरआई जमशेदपुर परिसर के अंतरराष्ट्रीय केंद्र स्थित एलएच1 सभागार में आयोजित हुआ, जिसमें शिक्षा, उद्योग, सरकार और वैश्विक संगठनों के प्रतिष्ठित नेताओं ने भाग लिया। उद्देश्य था — व्यवसाय रणनीति में जैव विविधता के एकीकरण पर तात्कालिक संवाद को गति देना।

कॉन्क्लेव की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद प्रोफेसर टाटा एल. रघु राम ने स्वागत भाषण एवं कार्यक्रम की पृष्ठभूमि प्रस्तुत की। उन्होंने टिकाऊ नेतृत्व को बढ़ावा देने के प्रति एक्सएलआरआई की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।


डॉ. यशवीर भटनागर, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी, आईयूसीएन, ने वैश्विक परिप्रेक्ष्य साझा किया और निजी क्षेत्र की भूमिका को रेखांकित करते हुए बताया कि कैसे व्यवसाय जैव विविधता संरक्षण में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।

डीन एकेडमिक्स, प्रोफेसर संजय पात्रो ने एक्सएलआरआई और आईयूसीएन के बीच साझेदारी के सफर पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि एक्सएलआरआई ने वर्ष 2006 में यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट पर हस्ताक्षर करने वाले प्रारंभिक संस्थानों में शामिल होकर टिकाऊ विकास के प्रति अपनी वचनबद्धता प्रदर्शित की थी।

टाटा स्टील फाउंडेशन के सीईओ सौरव रॉय ने विशेष संबोधन में कहा कि बोर्डरूम में लिए गए निर्णयों और जमीनी सच्चाइयों के बीच समन्वय आवश्यक है। उन्होंने बाजार और गैर-बाजार दोनों प्रकार के दृष्टिकोण अपनाकर जैव विविधता संरक्षण में व्यवसाय और समुदायों के बीच गहन सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्य वक्तव्य में, श्रीमती शैलजा सिंह, आईएफएस, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रमुख — झारखंड राज्य जैव विविधता बोर्ड, ने जैव विविधता संरक्षण के कानूनी, आर्थिक और पारिस्थितिकीय पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कंपनियों से केवल अनुपालन से आगे बढ़कर नेतृत्वकारी भूमिका निभाने का आह्वान किया। साथ ही उभरती तकनीकों जैसे एआई (AI), मशीन लर्निंग (ML) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) के संरक्षण कार्यों में उपयोग के अवसरों को रेखांकित किया।

पैनल चर्चा “बिजनेस और बायोडायवर्सिटी – चुनौतियाँ, अवसर और भारतीय व्यवसायों के लिए आगे का मार्ग” शीर्षक से आयोजित हुई, जिसमें निम्नलिखित प्रतिभागी रहे:

श्रीमती स्मिता पंकज, आईएफएस, पीसीसीएफ, जमशेदपुर

श्रीमती वैश्णवी प्रभाकरन, कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी प्रमुख, टाटा पावर

वेई ह्सिएन ली, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी, फाइनेंस एंड इकोनॉमिक्स फॉर नेचर, आईयूसीएन

के. सौरभ, भारतीय मानक ब्यूरो (BIS)

पंकज कुमार सतीजा, ईआईसी एफएएमडी, टाटा स्टील

इस सत्र का संचालन प्रोफेसर टाटा एल. रघु राम ने किया। चर्चा के दौरान जैव विविधता क्षतिपूर्ति (बायोडायवर्सिटी ऑफसेट्स), आक्रामक प्रजातियों के प्रबंधन, TNFD फ्रेमवर्क को अपनाने, जैव विविधता जोखिम के लिए नवीन बीमा समाधान और निजी क्षेत्र व वन विभागों के बीच साझेदारी जैसे विषयों पर व्यवहारिक सुझाव प्रस्तुत किए गए।

चर्चा के दौरान वक्ताओं ने यह स्पष्ट किया कि व्यवसाय और जैव विविधता एक-दूसरे से गहरे जुड़े हैं — और जैव विविधता संरक्षण में अग्रसक्रिय भूमिका निभाना न केवल पारिस्थितिकीय संतुलन को सुरक्षित करता है बल्कि दीर्घकालिक व्यापारिक स्थायित्व और आर्थिक विकास के लिए भी आवश्यक है।

यह कॉन्क्लेव एक्सएलआरआई की “एक्सीलेंस एंड इंटीग्रिटी, फॉर द ग्रेटर गुड” की व्यापक प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ऐसे नेतृत्व तैयार करना है जो भारत और विश्व में प्रकृति-हितैषी परिवर्तन को आगे बढ़ा सकें।

एक्सएलआरआई के बारे में:
1949 में स्थापित, एक्सएलआरआई भारत का पहला बिजनेस स्कूल है, जो शिक्षा में उत्कृष्टता, ईमानदारी और सामाजिक न्याय जैसे जेसुइट मूल्यों पर आधारित समग्र प्रबंधन शिक्षा का प्रतीक है।

आईयूसीएन के बारे में:
1948 में स्थापित, आईयूसीएन दुनिया का सबसे बड़ा और विविधतापूर्ण पर्यावरणीय नेटवर्क है, जो प्रकृति के संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के न्यायसंगत और टिकाऊ उपयोग के लिए समर्पित है।

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