झारखंड में अधिवक्ताओं के लिए शुरू होगी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, 3 मई को सीएम हेमंत सोरेन करेंगे शुभारंभ

न्यूज़ लहर संवाददाता
रांची:झारखंड सरकार राज्य के अधिवक्ताओं को बड़ी सौगात देने जा रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आगामी 3 मई को रांची के खेलगांव स्थित हरिवंश टाना भगत इंडोर स्टेडियम में “अधिवक्ता स्वास्थ्य सुरक्षा योजना” का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। यह योजना राज्य के अधिवक्ताओं और उनके परिवारों को गंभीर बीमारियों के इलाज में वित्तीय सहारा प्रदान करेगी।
कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तेज
सोमवार को रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर एक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा, डीडीसी दिनेश कुमार यादव समेत विभिन्न विभागों के वरीय अधिकारी शामिल हुए। उपायुक्त ने अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने के निर्देश दिए।
अब अधिवक्ताओं को भी मिलेगा सरकारी स्वास्थ्य बीमा का लाभ
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने कुछ महीने पहले ही अपने कर्मियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की थी। उसी तर्ज पर अब अधिवक्ताओं को भी इस सुविधा का लाभ दिया जाएगा। इस योजना से अधिवक्ताओं को इलाज के दौरान आर्थिक चिंता से राहत मिलेगी।
कैबिनेट से मिली थी योजना को मंजूरी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। इसके तहत राज्य के अधिवक्ता और उनके परिवार 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज सूचीबद्ध अस्पतालों में करा सकेंगे। यदि इलाज का खर्च इससे अधिक होता है, तो अतिरिक्त राशि सरकार द्वारा बनाए गए कॉर्पस फंड से दी जाएगी।
पात्रता और लाभ की प्रमुख विशेषताएं
पात्रता:
झारखंड राज्य के पंजीकृत अधिवक्ता, जो राज्य में सक्रिय रूप से वकालत कर रहे हों।
अधिवक्ता की सेवा न्यूनतम निर्धारित अवधि (संभावित: 3 वर्ष) तक होनी चाहिए।
अधिवक्ता झारखंड राज्य बार काउंसिल में पंजीकृत हों।
लाभ:
अधिवक्ता और उनके आश्रित परिजन (पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता) को योजना का लाभ मिलेगा।
सालाना 10 लाख रुपये तक की कैशलेस चिकित्सा सुविधा सूचीबद्ध निजी व सरकारी अस्पतालों में।
महंगी और गंभीर बीमारियों के इलाज जैसे कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट, हृदय रोग आदि को शामिल किया गया है।
इलाज का खर्च 10 लाख से अधिक होने पर अतिरिक्त राशि कॉर्पस फंड से दी जाएगी।
इलाज हेतु हेल्पलाइन और नोडल अधिकारी की व्यवस्था की जाएगी।
यह योजना राज्य के हजारों अधिवक्ताओं के लिए न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से, बल्कि सामाजिक सुरक्षा की दिशा में भी एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।