जिला स्तरीय स्थल चयन समिति की बैठक सम्पन्न: उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने स्वास्थ्य भवन निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के दिए निर्देश*

न्यूज़ लहर संवाददाता
झारखंड: पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित सभागार में मंगलवार को उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी श्री कुलदीप चौधरी की अध्यक्षता में 15वें वित्त आयोग, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन एवं स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत निर्माणाधीन भवनों से संबंधित जिला स्तरीय स्थल चयन समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
बैठक में उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा, सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो माझी, सदर, चक्रधरपुर एवं जगन्नाथपुर अनुमंडल पदाधिकारीगण, भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता, विशेष प्रमंडल एवं भवन निर्माण निगम के प्रतिनिधियों सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने विभिन्न योजनाओं के तहत स्वीकृत एवं प्रगति पर चल रहे स्वास्थ्य भवन निर्माण कार्यों की अद्यतन रिपोर्ट की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी निर्माण कार्यों को गुणवत्ता के साथ शीघ्रता से पूर्ण किया जाए, जिससे आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें।
*स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत 88 केंद्र स्वीकृत, 52 का निर्माण पूर्ण*
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के अंतर्गत जिले में 88 स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण स्वीकृत है, जिनमें से 52 केंद्रों का कार्य पूर्ण हो चुका है और 20 भवन स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त 11 प्रखंडों में पब्लिक हेल्थ यूनिट का निर्माण प्रस्तावित है, जिनमें से 5 यूनिटों का कार्य पूर्ण कर सौंपा जा चुका है।
*15वें वित्त आयोग के अंतर्गत हो रहे निर्माण कार्य*
जिले में 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत 2 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 105 स्वास्थ्य उपकेंद्र, 2 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं 3 प्रखंड पब्लिक हेल्थ यूनिट का निर्माण कार्य जारी है।
*स्थल चयन पर हुई विस्तृत चर्चा*
स्थल चयन समिति की बैठक में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत स्वीकृत दो नए स्वास्थ्य उपकेंद्रों के लिए भूमि चिन्हित करने एवं तीन अन्य केंद्रों के लिए भूमि उपलब्धता से संबंधित विषयों पर गहन चर्चा की गई। उपायुक्त ने संबंधित अंचल अधिकारी एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को समेकित रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, ताकि निर्माण कार्यों में आ रही बाधाओं को दूर कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।