एमजीएम अस्पताल की बालकनी दुर्घटना पर विधायक पूर्णिमा साहू ने राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार, घटनास्थल का किया दौरा, सभी घायलों से की मुलाकात

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर। जमशेदपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र की विधायक पूर्णिमा साहू ने कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शनिवार को मेडिसिन वार्ड की दो मंजिलों की बालकनी गिरने की घटना को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस गंभीर हादसे के लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को जिम्मेदार ठहराया है। घटना की जानकारी मिलते ही विधायक पूर्णिमा साहू ने अस्पताल का दौरा किया और हादसे में घायल हुए चार मरीजों से मुलाकात की। उन्होंने अस्पताल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ. नकुल चौधरी से सभी घायलों, विशेष रूप से गंभीर रूप से घायल महिला को सर्वोत्तम इलाज उपलब्ध कराने की मांग की।
उन्होंने स्त्री एवं प्रसूति वार्ड में भर्ती नवप्रसूता महिलाओं को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए अस्पताल प्रबंधन से कहा जबकि हादसे के बाद अस्पताल में दहशत का माहौल बना हुआ था और मरीजों में भय व्याप्त था।
विधायक ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार और विशेषकर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री महोदय भाजपा नेताओं पर टिप्पणी करने और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करने में व्यस्त रहते हैं, जबकि अस्पतालों की स्थिति सुधारने और मरीजों को सुरक्षित माहौल में इलाज देने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री ने एमजीएम अस्पताल का दौरा किया था, लेकिन जर्जर भवनों की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया गया। यह उनकी जिम्मेदारी थी कि सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आए मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित हो, लेकिन यह घटना दर्शाती है कि झामुमो-कांग्रेस ने मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
अस्पताल के दौरे के दौरान विधायक ने भवनों की जर्जर स्थिति और गरीब मरीजों के इलाज को लेकर अस्पताल कर्मचारियों की उदासीनता पर गहरी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने देखा कि नर्सें और अन्य कर्मचारी अपने काम में लापरवाह दिखे और मरीजों की देखभाल के लिए कोई सजग नहीं था।
श्रीमती साहू ने मांग की कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए, पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाए और जिन अधिकारियों की लापरवाही से यह घटना हुई है उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की कि सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए ठोस कदम उठाए जाने की तत्काल आवश्यकता है।