अवैध खनन पर लगी लगाम से बदला नोवामुंडी-चाईबासा का चेहरा, अब सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा।पश्चिमी सिंहभूम में वर्षों से जारी अवैध खनन और जाली चालानों के कारोबार पर अब विराम लगने के संकेत मिल रहे हैं। भाजपा के मीडिया प्रभारी जितेंद्र नाथ ओझा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कभी नोवामुंडी से लेकर चाईबासा तक की सड़कों पर लोह अयस्क से लदे ट्रकों की लंबी कतारें आम दृश्य हुआ करती थीं। इन सड़कों पर आमजन का चलना तक दूभर हो गया था। खनन माफियाओं, जाली दस्तावेजों और प्रशासनिक लापरवाही ने इस क्षेत्र को अवैध खनन का गढ़ बना दिया था।
हालांकि हाल के घटनाक्रमों ने तस्वीर बदल दी है। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा द्वारा बिना वैध दस्तावेजों के चल रही आयरन ओर से लदी 6 गाड़ियों को पुलिस को सौंपने और खनन विभाग द्वारा जामदा क्षेत्र में दो और ट्रकों को जब्त करने के बाद इलाके में भारी असर देखा गया। अब वही सड़कें, जो कभी जाम से कराहती थीं, लगभग 80% खाली नजर आ रही हैं। यह बदलाव यह दर्शाता है कि अवैध खनन वर्षों से बड़े पैमाने पर जारी था और थोड़ी सख्ती ने ही उसे लगभग थमा दिया है।
जितेंद्र नाथ ओझा ने सरकार से मांग की है कि अब इस अवसर को गंवाया न जाए। अवैध खनन पर स्थायी रोक लगाने के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन हो, सड़क मार्गों पर GPS ट्रैकिंग अनिवार्य की जाए, जाली चालानों पर तकनीकी रोक लगे और दोषी अधिकारियों व माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जनहित में यह आवश्यक है कि सरकार इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दे और पारदर्शी, संगठित रणनीति अपनाए।