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कोल्हान मॉडल पब्लिक स्कूल बासाकुटी में तृतीय वार्षिक आमसभा सह पारिवारिक मिलन समारोह संपन्न – शिक्षा और संवेदना का अद्भुत संगम* 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

चाईबासा: कोल्हान एजुकेशनल एंड चैरिटेबल सोसायटी द्वारा संचालित कोल्हान मॉडल पब्लिक स्कूल, बासाकुटी में रविवार को तीसरी वार्षिक आमसभा सह पारिवारिक मिलन समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम न केवल संगठन की विकास यात्रा का प्रतीक रहा, बल्कि एक ऐसा भावनात्मक मंच भी बना जहां परिवार, समाज और शिक्षा तीनों का आत्मिक मिलन हुआ।

 

कार्यक्रम की शुरुआत देश के महापुरुषों को श्रद्धांजलि अर्पित कर एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसने पूरे वातावरण को प्रेरणादायी बना दिया। अध्यक्ष चंद्रमोहन बिरुवा ने स्वागत भाषण में विद्यालय की अब तक की उपलब्धियों और समाज के प्रति इसके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस प्रयास को “गांव की मिट्टी से उगते सपनों की कहानी” बताया।

 

बैठक में देशभर से सरकारी पदों पर कार्यरत सदस्यों ने परिवार सहित भाग लिया और आत्मीय परिचय सत्र के दौरान अपने अनुभव साझा किए। सचिव दुंबी दिग्गी के शब्दों ने सभी की भावनाओं को छू लिया, जब उन्होंने कहा, “यह स्कूल सिर्फ पढ़ाई नहीं, भविष्य की उम्मीदें गढ़ता है – ताकि हमारे गांव के बच्चे मजदूर नहीं, अधिकारी बनें।”

 

विद्यालय के बच्चों द्वारा प्रस्तुत लोक नृत्य एवं पालतू पशुओं पर आधारित लघु नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। इन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने गांव की संस्कृति और बच्चों की सृजनात्मकता को सुंदर अभिव्यक्ति दी।

 

बैठक में बीते वर्ष की उपलब्धियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया तथा भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श हुआ। सभी सदस्यों ने विद्यालय के शैक्षणिक माहौल पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे और बेहतर बनाने के संकल्प के साथ अपनी सहभागिता जताई।

 

इस अवसर पर कमांडेंट आनंद जेराई, मुंडा मांगु सुंडी और घासीराम पिंगुवा ने विद्यालय के विकास हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान कर एक प्रेरणादायी पहल की।

 

उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में उपाध्यक्ष रांधो देवगम, कोषाध्यक्ष परमेश्वर पुरती, बीडीओ साधु चरण देवगम, जिला कल्याण पदाधिकारी शंकराचार्य सामड, गिरिडीह के अपर उपायुक्त विजय बिरुवा, निबंधन पदाधिकारी घासीराम पिंगुवा, पंचायत मुखिया जुलियाना देवगम, कैलाश सावैयां, शकुंतला हेम्ब्रम, शिवकुमारी आल्डा, त्रिवेणी बिरुवा समेत बड़ी संख्या में सदस्य, शिक्षक और ग्रामीणजन उपस्थित रहे।

 

यह आयोजन न सिर्फ विद्यालय के विकास का साक्षी बना, बल्कि ग्रामीण शिक्षा की नींव को और भी मजबूत करने का संदेश देकर एक उम्मीद की रौशनी जगाकर गया।

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