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न्यायाधीश मौहम्मद शाकिर ने बाल संरक्षण संस्थानों का किया व्यापक निरीक्षण

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

चाईबासा: झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के निर्देशानुसार पश्चिमी सिंहभूम के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) चाईबासा मौहम्मद शाकिर ने बुधवार को जिले के विभिन्न बाल संरक्षण संस्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने छाया बालिका गृह, बाल कुंज, विशेष विद्यालय आशा किरण एवं प्रेरणा के साथ-साथ संप्रेषण गृह का दौरा किया।

 

इस दौरान न्यायाधीश शाकिर ने वहां निवासरत बच्चों से संवाद स्थापित कर उनकी स्थिति और जरूरतों को समझा। बच्चों के बीच मिठाइयों का वितरण करते हुए उन्होंने स्नेह और अपनत्व का संदेश दिया। उन्होंने संबंधित संचालकों और अधिकारियों से बातचीत कर संस्थानों की कार्यप्रणाली और आने वाली कठिनाइयों की जानकारी ली।

 

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बच्चों के पालन-पोषण में किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी और यदि किसी प्रकार की आवश्यकता या समस्या हो, तो सीधे उनसे संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर इस प्रकार के भ्रमण नियमित रूप से जारी रहेंगे ताकि बच्चों से प्रत्यक्ष संवाद कायम किया जा सके और उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान हो सके।

 

निरीक्षण के दौरान बाल कल्याण समिति और बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे समुचित व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने में अपना पूर्ण सहयोग दें। संप्रेषण गृह में रह रहे बच्चों से भी उन्होंने व्यक्तिगत रूप से हालचाल जाना और उनके भविष्य को लेकर हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।

 

न्यायाधीश शाकिर ने कहा कि बच्चों के साथ समय बिताना उनके लिए एक बेहद सुखद अनुभव रहा और वे बाल कल्याण हेतु सदैव तत्पर रहेंगे। इस अवसर पर डीएलएसए चाईबासा के सचिव रवि चौधरी, किशोर न्याय परिषद की प्रधान दंडाधिकारी सुप्रिया रानी तिग्गा, संप्रेषण गृह के अधीक्षक खुशेंद्र सोनकेसरी, प्राधिकार के सदस्य विकास दोदराजका, बाल कल्याण समिति के सदस्य अमित पति, जयदू करजी, मो. शमीम, छाया बालिका गृह की अधीक्षक नरगिस खातून, डीपीओ पुनीता तिवारी और जे.जे.बी. सदस्य संजय बिरुआ समेत कई अधिकारी उपस्थित थे।

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