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झारखंड ने खोया एक युगदृष्टा: उद्योग और समाज सेवा में उत्कृष्ट योगदान देने वाले आरएन शर्मा का निधन* 

 

 

जमशेदपुर: झारखंड के औद्योगिक और सामाजिक परिदृश्य को दिशा देने वाले वरिष्ठ उद्योगपति और प्रशासक आर.एन. शर्मा अब हमारे बीच नहीं रहे। 101 वर्ष की आयु में उनका निधन टेल्को स्थित उनके आवास पर गुरुवार सुबह हुआ। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे और टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में उनका इलाज जारी था।

 

उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। अंतिम संस्कार बिष्टुपुर स्थित पार्वती घाट पर पूरे सम्मान के साथ किया गया। शर्मा जी अपने पीछे एक भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं, जिसमें उनके दो बेटे, बहुएं और नाती-पोतों का बड़ा कुनबा शामिल है।

 

आरएन शर्मा न केवल उद्योग जगत के एक स्तंभ रहे, बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी उनका योगदान अमूल्य रहा। वे टाटा स्टील में उपाध्यक्ष (वाइस प्रेसिडेंट) और प्रबंध निदेशक के सलाहकार जैसे अहम पदों पर रहे। उनके नेतृत्व और कार्यकुशलता ने टाटा स्टील के विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

 

उनका कार्यकाल सिर्फ टाटा स्टील तक सीमित नहीं था। 1972 से 1982 तक उन्होंने कोल इंडिया लिमिटेड में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाईं। इस दौरान वे बीसीसीएल, सीसीएल और सीएमपीडीआई के सीईओ रहे, और आगे चलकर कोल इंडिया के पहले चेयरमैन बनाए गए। इसके अतिरिक्त वे स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक के पद पर भी कार्यरत रहे।

 

आरएन शर्मा प्रबंधन कौशल के लिए देशभर में विख्यात थे। उनके नेतृत्व की शैली और निर्णय क्षमता ने न केवल संस्थानों को मजबूत किया, बल्कि अगली पीढ़ियों को भी नेतृत्व की प्रेरणा दी। उद्योग जगत के साथ-साथ वे आर्य समाज एवं कई सामाजिक संगठनों से भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे।

 

स्वास्थ्य के प्रति उनकी सजगता, सादा जीवन और उच्च विचारों वाली जीवनशैली ही उनकी दीर्घायु का प्रमुख कारण रही। शतायु जीवन जीने के बाद भी वे मानसिक रूप से सजग और सामाजिक रूप से सक्रिय बने रहे, जो अपने आप में एक मिसाल है।

 

आज आरएन शर्मा हमारे बीच भले नहीं हैं, लेकिन उनका व्यक्तित्व, उनके सिद्धांत और उनके कार्य हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे। झारखंड और विशेष रूप से जमशेदपुर ने एक ऐसा युगदृष्टा खो दिया है, जिसकी भरपाई संभव नहीं। उद्योग, प्रशासन और समाज सेवा के क्षेत्र में उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को राह दिखाता रहेगा।

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