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पाकुड़ जिले में निराश्रित बच्चों को कानूनी पहचान दिलाने के लिए ‘साथी’ समिति का गठन, 26 मई से आधार पंजीकरण अभियान शुरू

 

 

पाकुड़:झारखंड — जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DLSA), पाकुड़ के तत्वावधान में निराश्रित और वंचित बच्चों के आधार पंजीकरण एवं कानूनी पहचान सुनिश्चित करने के लिए ‘साथी’ समिति का गठन किया गया है। यह विशेष अभियान 26 मई 2025 से 15 अगस्त 2025 तक जिले भर में चलाया जाएगा, जिसका उद्देश्य उन बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना है जिनके पास अब तक कोई सरकारी पहचान पत्र नहीं है।

 

प्रभारी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ कुमार क्रांति प्रसाद की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में समिति के सभी सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया। बैठक में सचिव रूपा बंदना किरो सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, बाल आश्रय गृह के प्रतिनिधि, पैनल अधिवक्ता एवं पीएलवी सदस्य उपस्थित रहे।

 

बैठक में न्यायाधीश कुमार क्रांति प्रसाद ने समिति के सदस्यों को बच्चों के प्रति संवेदनशील रहते हुए अभिभावक की तरह कार्य करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि साथी समिति के सदस्य अपने दायित्व को पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ निभाएं और किसी भी समस्या की स्थिति में तत्काल जिला विधिक सेवा प्राधिकार को सूचित करें।

 

इस अभियान के तहत जिले के दूर-दराज के क्षेत्रों में सर्वेक्षण कर निराश्रित, असहाय, सड़कों पर जीवनयापन कर रहे या देखभाल संस्थानों में रह रहे बच्चों की पहचान की जाएगी। चिन्हित बच्चों के लिए आधार पंजीकरण शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और बाल संरक्षण कानूनों के तहत मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिल सके।

 

यह अभियान राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के निर्देशानुसार संविधान के अनुच्छेद 39 (ई) और (एफ) के तहत न्याय और समान अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। बैठक में अभियान को मिशन मोड में लागू करने के तरीकों पर भी विस्तार से चर्चा की गई और सभी विभागों ने सहयोग का आश्वासन दिया।

 

अभियान के दौरान कानूनी सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि बच्चों को उनकी आवश्यक सुरक्षा और अधिकार मिल सकें। समिति के सदस्यों को उनकी भूमिका और जिम्मेदारी के प्रति आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। बैठक में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने इस पहल को बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

 

यह अभियान पाकुड़ जिले के निराश्रित और वंचित बच्चों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। ‘साथी’ समिति के माध्यम से इन बच्चों को कानूनी पहचान, सामाजिक सुरक्षा और उज्जवल भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। सभी विभागों के सहयोग से यह अभियान निश्चित रूप से सफल होगा और समाज के सबसे कमजोर वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद करेगा।

 

**अधिक जानकारी या सहायता के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पाकुड़ से संपर्क करें।**

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