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लातेहार में पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी, एक और नक्सली ढेर, दूसरा गिरफ्तार

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

लातेहार: जिले में पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान के तहत लगातार बड़ी सफलताएं मिल रही हैं। बीते तीन दिनों में पुलिस ने दो अलग-अलग मुठभेड़ों में चार इनामी नक्सलियों को मार गिराया या गिरफ्तार किया है, जिससे नक्सली संगठनों को बड़ा झटका लगा है।

 

जानकारी के अनुसार, लातेहार पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव के नेतृत्व में पुलिस टीम ने नेतरहाट थाना क्षेत्र के दौना और करमखाड़ के बीच जंगल में रविवार देर रात से सोमवार सुबह तक चले ऑपरेशन में भाकपा माओवादी संगठन के कमांडर व पांच लाख के इनामी मनीष यादव को मुठभेड़ में मार गिराया। वहीं, पुलिस ने दस लाख के इनामी नक्सली कुंदन खेरवार को भी मौके से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद चलाए गए सर्च अभियान में मनीष यादव का शव बरामद किया और नक्सलियों के पास से दो एक्स .95 ऑटोमेटिक राइफल सहित कई हथियार बरामद किए।

 

मिली जानकारी के मुताबिक, एसपी कुमार गौरव को गुप्त सूचना मिली थी कि मनीष यादव अपने दस्ते के साथ जंगल में घूम रहा है। सूचना मिलते ही एसपी ने एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया और इलाके की घेराबंदी की। इसी दौरान नक्सलियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की, जिसमें मनीष यादव मारा गया और कुंदन खेरवार को गिरफ्तार किया गया। मुठभेड़ के बाद इलाके में सर्च अभियान चलाया गया, जिससे अन्य नक्सलियों की तलाश की जा रही है।

 

इससे पहले, 24 मई को भी लातेहार पुलिस को बड़ी सफलता मिली थी। उस दिन पुलिस ने इचाबार जंगल में मुठभेड़ के दौरान झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के सुप्रीमो व दस लाख के इनामी पप्पू लोहरा और पांच लाख के इनामी प्रभात गंझू को मार गिराया था। दोनों के खिलाफ कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे और वे लंबे समय से पुलिस की हिट लिस्ट में शामिल थे।

 

कुछ दिन पहले ही कुख्यात नक्सली कुंदन खेरवार के दस्ते ने सड़क निर्माण कार्य में लगे एक मुंशी की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद से पुलिस लगातार उसके खिलाफ अभियान चला रही थी।

 

तीन दिनों में चार इनामी नक्सलियों के मारे जाने और गिरफ्तार होने से इलाके में पुलिस का मनोबल बढ़ा है और नक्सल संगठनों को करारा झटका लगा है। पुलिस का कहना है कि आगे भी यह अभियान जारी रहेगा और किसी भी कीमत पर नक्सलियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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