दुर्घटना में घायल युवक को उरांव समाज ने पहुंचाया रांची रिम्स, संकट में फिर बना सहारा

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा: रविवार की रात करीब 12 बजे एक दर्दनाक सड़क हादसे में चक्रधरपुर के दो युवक घायल हो गए। घटना उस वक्त घटी जब अमन कुजूर और छोटू कच्छप अपनी मोटरसाइकिल से चाईबासा से चक्रधरपुर लौट रहे थे। शारदा और खुंटपानी के बीच अज्ञात चार चक्का वाहन ने उन्हें पीछे से जोरदार टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गया।
हादसे में अमन कुजूर के सिर पर गंभीर चोट आई। स्थानीय ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए घायल को चाईबासा सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए रांची स्थित रिम्स रेफर कर दिया।
इस मुश्किल घड़ी में आदिवासी उरांव समाज संकटमोचन बनकर सामने आया। समाज के युवा साथी ऋषभ तिर्की, विकास एक्का, विकास गुप्ता, संजू कुजूर, हेमंत तिर्की, रोशन तिर्की और अमित टोप्पो ने मिलकर तत्काल समन्वय स्थापित किया और समाज की ओर से संचालित एंबुलेंस सेवा के माध्यम से मरीज को रांची रवाना किया।
ज्ञात हो कि उरांव समाज की यह एंबुलेंस सेवा लंबे समय से क्षेत्र में संकट के समय भरोसे का प्रतीक रही है। जब कभी सरकारी एंबुलेंस सेवा 108 समय पर नहीं पहुंच पाती, तब समाज की यह एंबुलेंस आम जनों की सेवा में तत्पर रहती है।
उरांव समाज का योगदान केवल यहीं तक सीमित नहीं है। समाज द्वारा संचालित “उरांव समाज रक्तदान समूह” लगातार जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराने का काम करता है। इस अभियान के मुख्य संयोजक “ब्लडमेन” लालू कुजूर हैं, जो प्रतिदिन जिले और जिले के बाहर कम से कम चार जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराते हैं। उनका यह निस्वार्थ सेवा कार्य समाज में जीवन रक्षा की मिसाल बन चुका है।
समाज के इस मानवीय और संवेदनशील पहल को क्षेत्रवासियों ने सराहा है। एक बार फिर उरांव समाज ने यह सिद्ध कर दिया कि सामाजिक सहयोग और त्वरित प्रयास किसी की जिंदगी बचाने में कितना महत्वपूर्ण हो सकता है।