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इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद करना गरीब छात्रों के भविष्य पर हमला: सनातन पिंगुवा सरकारी कॉलेजों में पढ़ाई बंद करने के फैसले पर छात्र संगठनों में उबाल, सरकार से नीतिगत पुनर्विचार की मांग

 

चाईबासा: कोल्हान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सनातन पिंगुवा ने महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद किए जाने के निर्णय को गरीब और ग्रामीण छात्रों के भविष्य पर सीधा प्रहार बताया है। उन्होंने इस फैसले को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की आड़ में शिक्षा के निजीकरण की खतरनाक शुरुआत करार दिया।

पिंगुवा ने कहा कि सरकारी कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद होने से हजारों छात्र-छात्राएं विकल्पहीन हो जाएंगे और उन्हें महंगी फीस वाले निजी कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इससे शिक्षा एक सामान्य छात्र की पहुंच से बाहर हो जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे छात्रों में हताशा और तनाव का माहौल बनेगा, जो कई बार मानसिक संकट में भी बदल सकता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पहले ही कई छात्रों को फीस न भरने की स्थिति में परीक्षा से वंचित किया जा रहा है या उनका नाम काटा जा रहा है, जो उनके आत्मसम्मान पर गहरी चोट है। पिंगुवा ने कहा कि सरकारी महाविद्यालय शिक्षा के लोकतंत्र के आधार हैं और इन्हें कमजोर करना एक खतरनाक संकेत है।

उन्होंने झारखंड सरकार से मांग की कि इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाए और इंटरमीडिएट की पढ़ाई को पुनः शुरू किया जाए। साथ ही उन्होंने चेताया कि यदि सरकार छात्र हित में शीघ्र निर्णय नहीं लेती, तो छात्र संगठन राज्यव्यापी जनांदोलन शुरू करेंगे।

उन्होंने स्पष्ट कहा, शिक्षा हमारा अधिकार है, इससे किसी को वंचित नहीं होने देंगे।

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