ईचा डैम पुनर्निर्माण के विरोध में ग्रामीणों की एकजुटता, गूंजा ‘गंगाराम कालुंडिया’ का नाम ग्रामीण बोले – सरकार कर रही आदिवासियों के अस्तित्व पर हमला
राजनगर: राजनगर प्रखंड के कुजु पंचायत अंतर्गत ग्राम मझगांव में ईचा खरकई डैम पुनर्निर्माण के विरोध में ईचा डैम विरोधी संघ कोल्हान की ओर से एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मझगांव के ग्रामीण मुंडा दीपक सोय ने की, जिसमें बालीडीह, मझगांव और डांगरडीह के प्रभावित ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल हुए।
बैठक में संघ के अध्यक्ष बिर सिंह बिरुली ने सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि, “हेमंत सरकार आदिवासियों के खिलाफ साजिश के तहत काम कर रही है। यदि हम चुप रहे तो आने वाले दिनों में कुजु डैम का नाम शहीद गंगाराम कालुंडिया के नाम पर रखकर सरकार इसे ऐतिहासिक बना देगी, ठीक वैसे ही जैसे सिरमटोली फ्लाईओवर का नामकरण किया गया।”
उन्होंने आगे कहा कि हर गांव से बिरसा, सिदो-कान्हू और गंगाराम जैसे लड़ाकू निकलें, तभी डूब क्षेत्र को बचाया जा सकता है। बिरुली ने झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद की हालिया सहमति को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि 2014 में इसी परिषद ने ईचा डैम परियोजना को रद्द करने की अनुशंसा की थी।
ग्रामीणों ने भी एक स्वर में सरकार के इस फैसले का विरोध किया और डैम को रद्द करने की मांग की। बैठक में बताया गया कि पूर्व में सोसोहातु, तांतनगर और खीरी नीमडीह जैसे क्षेत्रों में हजारों की संख्या में आदिवासी स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के खिलाफ सड़क पर उतरे थे।
बैठक में मझगांव के मुंडा दीपक सोय, बालीडीह के मुंडा डोबरो मुंदुईया, सुरेश सोय, रेयांश समड, बिरसा गॉडसोरा, गुलिया कालुंडिया, रविंद्र अल्डा, कृष्ण चंद्र बानरा, साकारी अल्डा समेत बड़ी संख्या में महिला-पुरुष ग्रामीण मौजूद रहे।
संघ ने स्पष्ट किया है कि झारखंड और उड़ीसा के प्रभावित इलाकों में चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा और किसी भी कीमत पर ईचा डैम पुनर्निर्माण को स्वीकार नहीं किया जाएगा।















