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चाईबासा में आज से जादूगर डी.के. भारत का भव्य शो, पिल्लई टाउन हॉल में संध्या 6:30 बजे से होगा शुभारंभ हवा में नाचती छड़ी से लेकर जादुई डायनासोर तक, रोमांच से भरपूर होगा प्रदर्शन

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा: जादू की दुनिया के बेताज बादशाह, स्टार जादूगर डी.के. भारत एक बार फिर अपने जादुई कारवां के साथ चाईबासा लौट आए हैं। आज संध्या 6:30 बजे पिल्लई टाउन हॉल में उनके बहुचर्चित शो का शुभारंभ होगा, जिसका शुभ उद्घाटन अनुमंडल पदाधिकारी सदर चाईबासा संदीप अनुराग टोप्पो एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बहामन टूटी द्वारा किया जाएगा।

इससे पूर्व आज दोपहर आयोजित एक प्रेस वार्ता में जादूगर डी.के. भारत ने पत्रकारों को बताया कि चाईबासा की जनता से उन्हें जो अपार स्नेह और सम्मान मिलता है, वह उन्हें भारत के किसी अन्य शहर में नहीं मिला। यही कारण है कि वह बार-बार इस शहर में अपने जादू के नए रंग बिखेरने आते हैं।

डी.के. भारत ने जानकारी दी कि इस बार का शो पहले से कहीं ज्यादा भव्य और चमत्कारी होगा। शो में दर्शकों को पहली बार दिखाई देगी हवा में नाचती हुई छड़ी, जादुई मंच पर डायनासोर का हंगामा, लड़की का सर कहीं और धड़ कहीं, एक जिंदा इंसान को तीन टुकड़ों में अलग-अलग काटने का रोमांचकारी प्रदर्शन, लड़की का खूंखार भेड़िया में बदल जाना, मीना बाजार की झलक और लाइट व साउंड से भरपूर हिप्नोटिक खेल।

शो में शामिल होंगे 25 कलाकार, चार ट्रकों में लाया गया विशेष जादुई सामान, हजारों पंछी और दर्जनों पालतू जानवर। कार्यक्रम को मनोरंजक और यादगार बनाने के लिए विशेष तकनीकी लाइटिंग और साउंड इफेक्ट्स का उपयोग किया गया है।

जादूगर डी.के. भारत ने बताया कि जादू की कला भारत की प्राचीन 64 कलाओं में एक सर्वोच्च कला है, जो आज विलुप्त होने के कगार पर है। यह न तो भूत-प्रेत है, न ही किसी देवी-शक्ति का चमत्कार, बल्कि एक वैज्ञानिक सोच और मनोरंजन का अद्भुत संगम है।

प्रेस वार्ता के अंत में उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस विलुप्त होती कला को संरक्षण देने में अपना योगदान दें और शो का भरपूर आनंद लें। उन्होंने कहा, जिस चीज़ को आंखें देखे लेकिन दिमाग समझ न पाए, वही सच्चा जादू होता है।दिन भर में तीन बार शो किया जा रहा है।

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